बताया जा रहा है कि इन वस्तुओं की शुरुआती कीमत 55 हजार पाउंड रखी गई है। हालांकि यह सबसे कम अनुमान है। भारत में नीलामी कमीशन, जीएसटी, इंश्योरेंस, किराया और भारतीय कस्टम ड्यूटी समेत इनकी कीमत 1.2 करोड़ रुपये हो सकती है।
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संभावना है कि इनकी शुरुआती कीमत 80 हजार पाउंड लग सकती है। इसका मतलब ये है कि भारत में इनकी कीमत 2 करोड़ रुपए बैठ सकती है। बता दें कि नीलामी के दौरान कई बार अनुमानित कीमत से 2 या 3-4 गुना अधिक बोली लग जाती है। खासकर ग्लोबल ऑनलाइन नीलामी के मामले में यह बात और भी सच साबित होती है।
यह नीलामी सुमति मोरारजी के संग्रह से होगी
आपको बता दें कि दुनियाभर में महात्मा गांधी के कई अनुयायी हैं जिन्होंने उनसे जुड़ी वस्तुओं को संभाल कर रखा है। गांधी जी की विरासत (खत, तस्वीरें, पेंटिंग, किताबें, सैंडल, चश्में और अन्य दूसरी चीजें) दुनियाभर में संग्रह करने वाले लोगों और संस्थाओं को आकर्षित करती हैं। हालांकि गांधी की ओर से व्यक्तिगत तौर पर इस्तेमाल की गई चीजों की नीलामी दुर्लभ है।
ब्रिटेन में होने वाले इस नीलामी में शामिल कटोरी, चम्मचों का यह सेट बेहद उत्कृष्ट है। इसे गांधी के एक प्रसिद्ध अनुयायी सुमति मोरारजी ने संग्रह किया है। ईस्ट ब्रिस्टल के नीलामीकर्ता के मुताबिक, नीलामी होने वाला इस सेट का इस्तेमाल गांधी ने पुणे के आगा खान पैलेस (1942-1944) में और मुंबई के पाम बन हाउस में किया था।
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कटोरी साधारण धातु का बना है, बेस में 208/42 मुद्रित है। कटलरी में एक लकड़ी का कांटा और दो नक्काशीदार लकड़ी के चम्मच भी हैं जो पारंपरिक और सरल हैं।’ गांधी जी के साथ लंबे समय तक काम करने वाले सुमति मोरारजी ने इन सभी समानों का जिक्र अपनी किताब में किया है।
महात्मा गांधी पर रिसर्च करेगा अमरीका
आपको बता दें कि अमरीका महात्मा गांधी पर शोध करने जा रहे है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘गांधी-किंग स्कॉलर्ली एक्सचेंज इनिशिएटिव कानून’ पर दस्तखत किए हैं। इस कानून के तहत अमरीका में महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग पर रिसर्च की जाएगी। इस अधिनियम का मसौदा नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और अमरीकी संसद के सदस्य रहे जॉन लेविस ने तैयार किया था।