इराकी कोर्ट ने आईएस आतंकियों की बीवियों को भी नहीं बख्शा, 40 को सुनाई फांसी की सजा

इराकी कोर्ट ने आरोप लगाया कि इन्होंने जानबूझकर अपने पतियों का साथ दिया।

<p>terrorist</p>
बगदाद। इराक की जेल में बंद इस्लामिक स्टेट यानी आईएस के आतंकियों से संबंधित रिश्तेदारों को भी बख्शा नहीं जा रहा है। इराक की कोर्ट ने महज 10 मिनट की सुनवाई में यहां 40 आईएस आतंकियों की बीवियों को फांसी की सजा सुना दी है। इन पर आरोप है कि सबकुछ जानते हुए भी इन्होंने अपने आतंकी पतियों का साथ दिया है। कोर्ट ने आरोप लगाया इन्होंने जानबूझ आतंकियों से शादी रचाई। इसके लिए वह खुद अपनी मर्जी से सीरिया और इराक पहुंच गई थीं। आतंकियों के दबाव में आकर इराक आईं कुछ लड़कियों पर कोर्ट ने रियायत भी की। उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
इराक में अमरीकी विरोधी मौलवी के पास सत्ता की चाबी

1000 महिलाएं और लड़कियां इराक की जेलों में बंद

आईएस आतंकियों का साथ देने के आरोप में करीब हजार महिलाएं और लड़कियां इराक की जेलों में बंद हैं। इनमें 40 को मौत की सजा सुनाई गई। महिलाओं ने अपनी सफाई में कहा कि उन्हें अपने पति की करतूतों के बारे में बिल्कुल पता नहीं था। उनके पति ने उन्हें गुमराह किया और अपने प्रोफेशन के बारे में नहीं बताया। महिलाओं का कहना है कि वह अपने बच्चों की देखभाल करने वाली परिवार की अकेली सदस्य हैं। गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार फैसले के वक्त आतंकियों की पत्नियां अपने छोटे बच्चों के साथ बगदाद की सेंट्रल क्रिमिनल कोर्ट में मौजूद थीं। एक फ्रेंच ब्राइड जैमिला बुटोटो का कहना है कि उन्हें लगा था कि वह एक रैपर से शादी कर रहीं हैं। मगर जब वह लंबी छुट्टियों के लिए तुर्की पहुंची,तब उन्हें पता चला कि उनका पति आतंकी है। उसने बताया कि वह आरोपी नहीं,पीड़ित है। उसने बताया कि जब वह अपने पति की बात मानने से इनकार करती थी तो वह उसे प्रताड़ित करता था।
7 साल के खूनी संघर्ष के बाद सरकारी सेना ने दमिश्क को IS से मुक्‍त कराया

लोगों पर भयानक जुल्म ढाए

गौरतलब है कि इराक करीब तीन साल तक आईएस के कब्जे में रहा। इस दौरान आतंकियों ने यहां के लोगों पर भयानक जुल्म ढाए थे। आईएस में हजारों की तादाद में विदेशी आतंकी भी शामिल थे। इन्होंने अपनी बीवियों को इराक में बुला लिया। कोर्ट में विदेशी महिला जुमैला अपनी बेटी को अलग न करने के लिए गिड़गिड़ाती रही। उसने कहा कि वह यहां पागल हो जाएगी। वह बेकसूर है और अपने माता—पिता से मिलना चाहती हैं।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.