हालांकि, ईरान के इस कदम से ट्रंप को गिरफ्तारी का कोई खतरा नहीं है, मगर इन आरोपों से ईरान और अमरीका के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। यह तनाव ईरान और दुनिया की प्रमुख शक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते से ट्रंप के अलग हो जाने के साथ शुरू हुआ था। ईरान ट्रंप का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी अभियोजन को जारी रखेगा।
तेहरान के अभियोजक अली अलकासीमहर के अनुसार ईरान ने तीन जनवरी को बगदाद में हुए ड्रोन हमले के लिए ट्रंप और उनके 30 सहयोगियों पर आरोप लगाया है। इस हमले में जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अलकासीमर ने ट्रंप के अलावा किसी अन्य की पहचान नहीं की।
इंटरपोल ने नहीं दिया कोई जवाब इस मामले में इंटरपोल की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है। ऐसी संभावना भी नहीं है कि इंटरपोल ईरान के अनुरोध को स्वीकार करेगा। ऐसे इसलिय क्योंकि उसके दिशानिर्देश के अनुसार वह किसी राजनीतिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है।
तीन जनवरी को हुआ था ड्रोन हमला अमेरिका ने तीन जनवरी को ड्रोन हमले में सुलेमानी को मारा था जब वह अपने काफिले के साथ बगदाद में थे। ईरान ने इसका बदला लेने के लिए अल-असद और इबरिल स्थित दो अमरीकी सैन्य ठिकानों पर 22 मिसाइलें दागी थीं। उसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ने की आशंका गहरा गई थी।