इंटरपोल का बड़ा खुलासा, आतंकी समूह कर रहे कोरोना वायरस का इस्तेमाल

इंटरपोल ने मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी कर दुनिया को किया सचेत।
ताकत और प्रभाव बढ़ाने के लिए कोरोना का इस्तेमाल कर रहे हैं आतंकवादी।
बताए पांच मुख्य खतरे, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां हो गईं हैं सतर्क।

<p>Interpol reveals, terrorist groups are using coronavirus</p>
नई दिल्ली। जिस वक्त पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है, आतंकवादी समूह अपनी ताकत और प्रभाव मजबूत करने के लिए इस वायरस का इस्तेमाल कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल) ने मंगलवार को यह बड़ा खुलासा किया है। इसके बाद से भारत में खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादी समूहों की गतिविधियों की जांच के लिए सतर्क हो गई हैं।
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इंटरपोल द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट में वैश्विक आतंकवाद पर कोविड-19 के पड़ने वाले प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें रिपोर्ट में पांच मुख्य खतरों से संबंधित कारकों पर ध्यान फोकस किया गया है। इनमें शामिल कारकों में कोविड-19 के प्रकोप से जुड़ी विशेषताएं और मेडिकल एडवांस, वैश्विक/राष्ट्रीय प्रतिक्रिया, सोशल क्लाइमेट, सुरक्षा तंत्र का लचीलापन और आतंकवादियों की रणनीति और क्षमता के साथ ही नॉन स्टेट एक्टर्स हैं।
इंटरपोल ने बताया, “जैसे कि कुछ क्षेत्रों में कोविड-19 मामले घट रहे हैं, जबकि अन्य कुछ जगहों पर बढ़ रहे हैं, यह रिपोर्ट आतंकवादी नेटवर्क, हिंसक चरमपंथी समूहों और अन्य संभावित खतरनाक नॉन स्टेट एक्टर्स की ओर से प्रतिक्रिया की निगरानी करने की महत्वपूर्ण जरूरत को रेखांकित करती है।”
https://twitter.com/hashtag/COVID19?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
मालूम हो कि नॉन स्टेट एक्टर्स का इस्तेमाल उन कुख्यात लोगों के लिए किया जाता है जो सत्ता में न रहते हुए देश में अपनी समानांतर सरकार चलाते हैं। गौरतलब है कि इस महीने की शुरूआत में भी इंटरपोल ने अपने 194 सदस्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को वैश्विक अलर्ट जारी किया था। इसके चेतावनी दी गई थी कि संगठित आपराधिक नेटवर्क फिजिकल और ऑनलाइन दोनों ही तरीके से कोरोना वैक्सीन को निशाना बना सकते हैं।
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इंटरपोल के बयान में ऑरेंज नोटिस के साथ कोरोना वायरस और फ्लू के नकली रूप, उनकी चोरी और अवैध विज्ञापन के संबंध में संभावित आपराधिक गतिविधि की बात बताई गई है।
194 सदस्य देशों में पुलिस को अंतरराष्ट्रीय अपराध से लड़ने के लिए एक साथ काम करने में सक्षम बनाने वाले इंटरपोल ने अब कहा है कि कुछ आतंकवादी समूह और अन्य नॉन स्टेट एक्टर्स महामारी का इस्तेमाल अपनी ताकत और प्रभाव को मजबूत करने के लिए कर रहे हैं। ऐसा विशेष रूप से स्थानीय आबादी के लिए या अपने बाहरी वित्तीय संसाधनों का विस्तार करने के लिए किया जा रहा है।
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रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि कोरोना वायरस का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर किस प्रकार प्रभाव पड़ा है। इसके साथ ही आतंकवादी संगठनों की फंडिंग पर भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ने की संभावना है। इंटरपोल के महासचिव जुर्गेन स्टॉक ने सचेत करते हुए कहा कि सभी अपराधियों की तरह ही आतंकवादी भी कोरोना वायरस से लाभ कमाने के लिए, पैसा बनाने के लिए और अपने आधार को मजबूत करने लिए कोशिशों में जुटे हैं।
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महासचिव स्टॉक ने कहा, “हमारी आतंकवाद आकलन रिपोर्ट कानून प्रवर्तन को इन चुनौतीपूर्ण खतरों की पहचान करने के साथ ही उन्हें दूर करने में मदद करने के लिए एक और उपकरण है, जो चुनौतीपूर्ण हालात में जारी की गई है।”
रिपोर्ट में इन संभावित खतरों को दूर करने के लिए वैश्विक कानून प्रवर्तन समुदाय के लिए सिफारिशें दिए जाने के साथ ही पूर्व चेतावनी के संकेत भी शामिल हैं। दिल्ली स्थित एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के मुताबिक वे रिपोर्ट को पूरी तरह से देख रहे हैं और आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।

अमित कुमार बाजपेयी

पत्रकारिता में एक दशक से ज्यादा का अनुभव. ऑनलाइन और ऑफलाइन कारोबार, गैज़ेट वर्ल्ड, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, एजुकेशन पर पैनी नज़र रखते हैं. ग्रेटर नोएडा में हुई फार्मूला वन रेसिंग को लगातार दो साल कवर किया. एक्सपो मार्ट की शुरुआत से लेकर वहां होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों-संगोष्ठियों की रिपोर्टिंग.

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