दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत करने के चार दिन बाद यानी बुधवार (20 जनवरी) भारत ने भूटान और मालदीव को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराया है। भूटान के प्रधानमंत्री लौटे शेरिंग खुद वैक्सीन को रिसीव करने के लिए पहुंचे और स्वागत किया।
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इस बाबत भूटान के प्रधानमंत्री शरिंग ने खुद ट्विटर हैंडल पर कुछ तस्वीरें साझा की है, जिनमें वे कोरोना टीकों के कंसाइनमेंट के साथ दिखाई दे रहे हैं। बता दें कि भारत ने भूटान को वैक्सीन की डेढ़ लाख जबकि मालदीव को एक लाख खुराक मुहैया कराई है।
बता दें कि भारत ने मंगलवार को ये घोषणा की थी कि बुधवार को 6 देशों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति शरू की जाएगी। इनमें भूटान, मालदीव, नेपाल, म्यांमा, बांग्लादेश और सेशेल्स शामिल हैं। भारत ने कहा था कि संकट के इस घड़ी में भारत इन देशों को यह वैक्सीन अनुदान सहायता के रूप में देगा।
भूटान ने की भारत की तारीफ
भूटान के पीएम लौते शेरिंग के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 3 बजकर 25 मिनट पर भारतीय वायुसेना का विमान राजधानी पारो में लैंड हुआ। उन्होंने एक प्रेस रिलीज के जरिए अपनी खुशी जाहिर की और कहा कि भूटान भारत का तोहफा पाने वाला पहला देश बन गया है।
मालूम हो कि बुधवार की सुबह मुंबई से भूटान के लिए स्पाइसजेट का एक विमान डेढ़ लाख टीके के साथ, जबकि दोपहर में ही एयर इंडिया का एक विमान टीके का एक लाख खुराक लेकर मालदीव के लिए रवाना हुआ था। दोनों देशों को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पुणे स्थित कारखाने में बनाए गए ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन मुहैया कराया गया है।
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आपको बता दें कि भारत ने हमेशा से भूटान की मदद की है। इससे पहले कोरोना संकट के शुरुआती समय में भारत ने करीब दो करोड़ 80 लाख रुपए की पैरासीटामॉल, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, पीपीई किट, एन-95 मास्क, एक्स-रे मशीन और टेस्ट किट भूटान को उपलब्ध कराए थे। इसके अलाव, ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत विभिन्न देशों में फंसे भूटान के दो लाख से अधिक नागरिकों को भारत ने स्वदेश पहुंचाया था।
इतना ही नहीं, कोरोना काल में भूटान सरकार के अनुरोध पर भारत ने व्यापार और पारगमन को सुविधाजनक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें टर्शा टी गार्डन (भारत) और अहले (भूटान) के माध्यम से एक नया व्यापार मार्ग खोलना भी शामिल है।