भारत ने म्यांमार में लोकतंत्र समर्थकों की मौत पर जताई गहरी संवेदना, बातचीत से हो समस्या का समाधान

यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने 18 की मौत का दावा किया।
यूएनएचआरसी ने सेना पर गोला बारूद के इस्तेमाल का आरोप लगाया।

<p>भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की।</p>
नई दिल्ली। म्यांमार के कई शहरों में तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सेना की ओर की गई कार्रवाई में मारे गए लोगों के प्रति भारत ने गहरी संवेदना जाहिर की है। म्यांमार में भारतीय दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यांगून और म्यांमार के अन्य शहरों में जानमाल के नुकसान से गहरा दुख हुआ। हम उन मृतकों के परिवारों और प्रियजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। हम सभी पक्षों से संयम बरतने और शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के जरिए मुद्दों को हल निकालने की अपील करते हैं।
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18 की मौत 30 घायल

वहीं यूएन मानवाधिकार कार्यालय का कहना है कि उसे विश्वसनीय जानकारी मिली है कि म्यांमार में तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ रविवार को की गई कार्रवाई में कम से कम 18 लोग मारे गए और 30 से ज्यादा घायल हो गए।
यूएन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सेना की ओर से यांगून, डावी, मांडले, म्येइक, बागो और पोकोक्कु में भीड़ के बीच गोला बारूद फेंका गया जिसकी वजह से मौतें हुईं। विभिन्न जगहों पर सेना ने आंसू गैस का उपयोग किया। इसके साथ ही साथ ही फ्लैश बैंग और स्टन ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया गया।
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