थुनबर्ग ने अमरीका में आयोजित हुए संयुक्त राष्ट्र के उच्चस्तरीय जलवायु सम्मेलन के दौरान नेताओं को लताड़ लगाने वाला भाषण देकर दुनियाभर में छा गईं थीं। ग्रेटा थुनबर्ग स्वीडन की एक पर्यावरण कार्यकर्ता हैं, जो जलवायु परिवर्तन की वजह से उत्पन्न होने वाले जोखिमों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी आवाज बुलंद कर चुकी हैं। इस मामले में थुनबर्ग ने कई अभियानों में हिस्सा भी लिया है।
दिसंबर 2018 में पौलेंड में अपने भाषण के बाद ग्रेटा जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई का बड़ा चेहरा बनकर सामने आई थीं। भाषण में उसने कहा था कि वह धरती के नीचे मौजूद तेल और खनिज भंडारों को बचाना चाहती हैं। इसके साथ ही दुनिया में समानता लाने पर ध्यान देने की जरूरत है।
पौलेंड में मीडिया ओर दुनिया के बड़े-बड़े राजनेताओं, क्लाइमेट चेंज साइंटिस्ट्स और जर्नलिस्ट्स की मौजूदगी में उन्होंने कहा था अगर सिस्टम के अंदर रहकर समाधान नहीं खोजा जा सकता तो फिर हमें सिस्टम को ही बदल देना चाहिए।
पौलेंड में मीडिया ओर दुनिया के बड़े-बड़े राजनेताओं, क्लाइमेट चेंज साइंटिस्ट्स और जर्नलिस्ट्स की मौजूदगी में उन्होंने कहा था अगर सिस्टम के अंदर रहकर समाधान नहीं खोजा जा सकता तो फिर हमें सिस्टम को ही बदल देना चाहिए।