इन सबके बीच मोदी सरकार के लिए एक राहत की खबर सामने आई है। दरअसल, कृषि कानूनों पर आलोचनाओं का सामना कर रही मोदी सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF ) का समर्थन मिला है। IMF ने मोदी सरकार के कृषि कानूनों को महत्वपूर्ण कदम बताया है। IMF ने कहा कि इन तीन नए कानूनों से कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार होगा। हालांकि, IMF ने सरकार को एक सलाह भी दी है कि इससे प्रभावित होने वाले किसानों को अधिक सामाजिक सुरक्षा देने को लेकर पुख्ता व्यवस्था की जाए।
Explainer: क्या हैं मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानून जिसके खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं किसान?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, IMF का मानना है कि कृषि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार लाने के लिए इन तीनों कृषि कानूनों में पर्याप्त क्षमता है। इसके साथ ही IMF ने यह भी कहा है कि इन नए कानूनों के लागू होने और नए सिस्टम में किसानों के आने से जिन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, उन्हें समाजिक सुरक्षा प्रदान करना भी अत्यंत जरूरी है।
विचौलियों की भूमिका होगी कम: IMF
कृषि कानूनों के संबंध में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशंस गेरी राइस ने कहा कि इससे बिचौलियों की भूमिका कम होगी। गुरुवार को राइस ने कहा कि हमारा मानना है कि कृषि कानूनों से भारत के कृषि सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।
Kisan Andolan: कृषि कानून के समर्थक हैं कमेटी के चारों सदस्य, ऐसे में किस तरह सुलझेगा विवाद?
उन्होंने आगे कहा, इन कानूनों की वजह से किसान सीधे विक्रेताओं से संपर्क करने में सक्षम बनेंगे, इससे विचौलियों की भूमिका कम होगी और किसानों को अधिक से अधिक फायदा होगा। नए कृषि कानूनों से ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इन नए कानूनों से प्रभावित होने वाले लोगों को भी सुरक्षा मुहैया कराने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में जिन लोगों की नौकरियां जाएगी, उनके लिए कुछ ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि वे रोजगार बाजार में समायोजित हो सकें।