पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरा बस के आकार का Asteroid, NASA को भी नहीं चला पता

HIGHLIGHTS

2020VT4 Asteroid Passed Very Close To Earth: धरती के बेहद नजदीक से बस के आकार का एक ऐस्टरॉयड गुजर गया और नासा के वैज्ञानिकों को इसकी भनक तक भी नहीं लगी।
2020VT4 नाम का यह ऐस्टरॉयड दीपावली से एक दिन पहले 13 नवंबर को धरती से 250 मील यानी करीब 400 किमी दूर से गुजरा।

<p>Even a bus-shaped 2020VT4 Asteroid that passed very close to Earth, NASA could not find</p>

वाशिंगटन। अंतरिक्ष ( Space ) रहस्यों से भरा है और इन्हीं रहस्यों में से कुछ के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे हैं। अभी हाल ही में पृथ्वी के करीब से कई उल्कापिंड ( Asteroid ) गुजरे हैं और आने वाले कुछ समय में कई उल्कापिंड धरती के बेहद नजदीक से गुजरेंगे। सबसे रोचक बात ये है कि धरती के करीब से गुजरने वाले लगभग सभी उल्कापिंडों पर वैज्ञानिकों की कड़ी नजर होती है, क्योंकि यदि ये उल्कापिंड पृथ्वी से टकरा गए तो भारी अनहोनी होने की पूरी संभावना है।

अब एक ऐसी ही घटना घटित हुआ है, जिससे वैज्ञानिक हैरान हैं। दरअसल, धरती के बेहद नजदीक से बस के आकार का एक ऐस्टरॉयड गुजर गया और नासा के वैज्ञानिकों को इसकी भनक तक भी नहीं लगी। यह ऐस्टरॉयड धरती से महज 250 मील से भी कम दूरी से होकर गुजरा है।

24046 KMPH की रफ्तार से धरती के करीब आ रहा विमान जितना बड़ा ग्रह, NASA का अलर्ट

जानकारी के अनुसार, 2020VT4 नाम का यह ऐस्टरॉयड दीपावली से एक दिन पहले 13 नवंबर को धरती से 250 मील यानी करीब 400 किमी दूर से गुजर गया और हैरानी की बात ये है कि ऐस्ट्रोनॉमर्स को इसके बारे में पता भी नहीं चला। नासा की ओर से लगाए गए Asteroid Terrestrial-impact Last Alert System (ATLAS) को इसकी जानकारी करीब 15 घंटे बाद तब मिली जब यह धरती के बेहद करीब से होकर गुजरते हुए बाहर निकल गया।

https://www.dailymotion.com/embed/video/x7xmg28

पृथ्वी के सबसे करीब से गुजरने वाला ऐस्टरॉयड

खगोलविदों का कहना है कि यह ऐस्टरॉयड ऐसी जगह से आया था, जिसे ‘Blind Spot’ कहते हैं यानी कि यह ऐस्टरॉयड सूरज की दिशा से आया था। खगोलविदों ने कहा कि यह धरती से इतना करीब था कि गुरुत्वाकर्षण ने इसकी कक्षा को बदल दिया।

Asteroid 2018VP1: इस दिन धरती से टकरा सकता है विशालकाय उल्कापिंड, NASA ने जारी किया अलर्ट

दरअसल, यह ऐसी जगह से आया था जिसे यानी यह ऐस्टरॉइड सूरज की दिशा से आया था। ऐस्ट्रोनॉमर्स का कहना है कि यह ऐस्टरॉइड धरती से इतना करीब था कि धरती के गुरुत्वाकर्षण ने इसकी कक्षा को बदल दिया। इसी के साथ यह धरती के सबसे करीब से गुजरने वाला उल्कापिंड भी बना गया है।

ऐस्टरॉयड की चमक के आधार पर खगोलविदों ने अनुमान लगाया है कि इसका आकार 5 से 10 मीटर चौड़ा हो सकता है। वैज्ञानिकों ने संभावना जताया है कि यह उल्कापिंड दक्षिण प्रशांत क्षेत्र के वातावरण में जल गया होगा।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.