कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर जांच में चीन ने डाला रोड़ा, WHO ने कहा- तलाश अब थम चुकी है

वैज्ञानिकों ने कहा कि इस रहस्य की सच्चाई के रास्ते बंद हो चुके हैं। अभी तक इस निर्णय पर पहुंचा नहीं जा सका है कि वायरस जानवरों से इंसानों में फैला या चीन की प्रयोगशाला से इसका प्रसार हुआ है।

<p>world heaith organization</p>

 

बीजिंग। चीन से ही कोरोना वायरस की उत्पत्ति हुई है। इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की तालाश अब रुक गई है। चीन के रवैये से साबित हो चुका है कि इस सवाल का जवाब मिलना मुमकिन नहीं दिख रहा है। चीनी अधिकारी आंकड़े देने में बिलकुल भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन भेजे गए अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने बुधवार को कहा कि तलाश अब थम गई है। वैज्ञानिकों ने कहा कि इस रहस्य की सच्चाई के रास्ते बंद हो चुके हैं।

ये भी पढ़ें: तालिबान की “बद्री 313” यूनिट को देख हैरान रह गई दुनिया, अमरिकी राइफल, बुलेट प्रूफ जैकेट से लैस हैं आतंकी

वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित के खबर में अनुसार खुफिया समीक्षा के दौरान इस निर्णय पर अभी तक पहुंचा नहीं जा सका है कि वायरस जानवरों से इंसानों में फैला या चीन की प्रयोगशाला से इसका प्रसार हुआ है। जर्नल नेचर में प्रकाशित डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों ने अपनी टिप्पणी में बताया कि वायरस की उत्पत्ति के संबंध में जांच एक अहम पड़ाव पर है। संबंधी जांच अहम मोड़ पर है और तुरंत साझेदारी की आवश्यकता है। मगर इसके स्थान पर गतिरोध बना हुआ है। उन्होंने रेखांकित करा कि अन्य बातों के साथ चीनी अधिकारी अब भी मरीजों की गोपनीयता का हवाला देते हुए कुछ आंकड़े देने को राजी नहीं दिखते।

वुहान में मिला था पहला मामला

गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विशेषज्ञों की टीम वुहान भेजी थी। यहां पर दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस से मानव के संक्रमित होने का मामला सामने आया था। टीम यह पता लगाने गई थी कि इन कारणों से महामारी फैली, लेकिन वह किसी नतीजे पर अभी तक नहीं पहुंच सकी है। इस वायरस के कारण पूरी दुनिया में अबतक करीब 45 लाख लोगों की जान ली गई।

पांच अरब टीके की खुराक लगने के बाद भी रोजाना दुनिया में 10 हजार से अधिक मौतें हो रही हैं। डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञो का विश्लेषण मार्च में प्रकाशित किया गया था। इसमें जानवर से इंसान में वायरस के फैलने की आशंका जताई थी। उन्होंने कहा था कि प्रयोगशाला से वायरस के प्रसार की संभावना बहुत कम है।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.