नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( Corona Epidemic ) से पूरी दुनिया जूझ रही है और इससे अब तक लाखों लोगों की जान जा चुकी है, वहीं करोड़ों लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) का प्रकोप वायरस के पाए जाने के एक साल बाद भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। ऐसे में चिंताएं काफी बढ़ गई है।
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच अब एक और खतरनाक जानलेवा वायरस का पता चला है, जिसके बाद से लोगों में हड़कंप मचा है। दरअसल, बोलीविया में एक दुर्लभ वायरस के के बार में पता चला है। अमरीकी सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने इस खतरनाक वायरस की पुष्टि की है। इस वायरस का नाम 'चापरे’ है।
America: एक दिन में रिकॉर्ड 1.77 लाख कोरोना के नए केस दर्ज, संक्रमितों का आंकड़ा 1.07 करोड़ पार
वैज्ञानिकों का कहना है कि चापरे वायरस ( Chapare Virus ) से लोग संक्रमित हो सकते हैं और इबोला जैसे हेमोरहागिक फीवर का कारण बन सकता है। फिलहाल, इस वायरस के बारे में वैज्ञानिकों को ज्यादा कुछ जानकारी नहीं मिल सका है। माना जा रहा है कि यह इंसानों से इंसानों में फैलने में सक्षम है।
बोलीविया में 2019 में चापरे वायरस का चला था पता
मालूम हो कि बोलीविया में चापरे वायरस का पता पिछले साल 2019 में चला था। उस दौरान बोलीविया के ला पाज में दो मरीजों में यह वायरस मिला था, जिसके बाद अन्य तीन स्वास्थ्य कर्मचारी इससे संक्रमित हुए थे। इनमें से एक मरीज और दो स्वास्थ्य कर्मचारियों की मौत हो गई थी।
Coronavirus : कोरोना संक्रमण में कारगर साबित होगी प्लाज्मा थेरपी! इबोला पर मिली थी सफलता
CDC के संक्रामक रोग विशेषज्ञ केटलिन कोसाबूम का कहना है कि संभवत: 'शारीरिक तरल पदार्थ' से वायरस फैल सकता है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि चुहों से इंसानों में यह संक्रमण आया है। फिलहाल इसका कोई प्रमाण सामने नहीं आया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि 2004 में ला पाज के पूर्व में 370 मील दूर चापरे इलाके में वायरस का छोटा प्रकोप फैला था।
इंसानों से इंसानों में फैलता है संक्रमण
अभी तक इस वायरस को लेकर जितनी भी जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक, CDC ने बतायाहै कि संक्रमण के लक्षणों में बुखार, पेट दर्द, उल्टी, आंखों में दर्द, त्वचा के चकत्ते शामिल हैं। सोमवार को अमरीकन सोसायटी ऑफ ट्रोपिकल मेडिसीन एंड हाइजीन की सालाना मीटिंग में चापरे वायरस के अनुसंधान को पेश किया गया।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वायरस इंसानों से इंसानों में फैलता है। ऐसे में इस वायरस पर अभी अधिक शोध करने की जरूरत है।