इन सबके बीच इसके ठीक उलट अब ब्रिटेन में लोगों को जानबूझकर कोरोना संक्रमित करने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि हजारों लोगों को जानबूझकर कोरोना संक्रमित किया जाएगा। इसके पीछे की मूल वजह है, कोरोना वैक्सीन को विकसित करना।
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जानकारी के अनुसार, रिसर्चर पहले लोगों को कोरोना से संक्रमित करेंगे और फिर वैक्सीन का ट्रायल ( Corona Vaccine Trails ) करेंगे। इससे वायरस की प्रकृति और वैक्सीन के असर को समझने में रिसर्चर का काफी मदद मिलेगी। इस काम के लिए हजारों वॉलंटियर्स तैयार हैं।
कोरोना वैक्सीन ट्रायल के लिए किया जाएगा संक्रमित
ह्यूमन चैलेंज ट्रायल हवीवो के पैरेंट ओपन ऑरफन पीएलसी ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए कई लोगों से बातचीत की गई है। इस तरह के ट्रायल से वैक्सीन के डेवलपमेंट में तेजी आ सकती है और इस बीमारी के बारे में वैज्ञानिकों को अधिक से अधिक सटीक जानकारी मिल सकती है।
ऑरफन पीएलसी ने कहा है कि अभी तक इस महामारी को लेकर कई सवाल अनसुलझे हैं, ऐसे में प्रतिभागियों को उस खतरे में डाला जाएगा, जिसका समाधान अभी तक नहीं मिल सका है। वॉलंटियर्स में शामिल उत्तरपूर्व इंग्लैंड के दुरहम यूनिवर्सिटी के कैमेस्ट्री स्टूडेंट एलेक्स ग्रीर ने कहा, ‘कोरोना के लॉंग टर्म के दुष्मपरिणाम को लेकर अभी ज्यादा कुछ पता नहीं है और इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। लेकिन मुझे लगता है कि ट्रायल की संभावित सफलता मुझे होने वाले छोटे से जोखिम से अधिक है।’
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शिकागो और नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के लूरी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की विशेषज्ञ सीमा शाह कहती हैं कि एक अनिश्चितता यह है कि कुछ युवा और स्वस्थ लोग लंबे समय तक हल्के लक्षणों के बाद क्यों गंभीर हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि यह वास्तव में एक ऐसी रेखा को पार करना होगा जिसे चुनौतीपूर्ण अध्ययन के लिए नैतिक रूप से स्वीकार्य होने को लेकर खींचा गया है। हम अभी तक इस बीमारी के बार में बहुत कुछ जानते हैं और बहुत कुछ अभी सीख रहे हैं।