अफगान छोड़कर कहां गए अमरुल्‍ला सालेह और मसूद? सामने आया ये सच

मीडिया रिपोर्ट की की माने तो अमरुल्लाह सालेह तजाकिस्तान में हैं, वहीं मसूद यूरोपीय देश फ्रांस में हो सकते हैं।

<p>amrullah saleh</p>

नई दिल्ली। पंजशीर घाटी में तालिबान (Taliban) के खिलाफ प्रतिरोध लगभग खत्म हो चुका है। अब रेसिस्टेंस फोर्स के लड़ाके भी सरेंडर करने लग हैं। अफगान छोड़ने वाले अमरुल्लाह सालेह और अहमद मसूद आखिर कहां हैं, अब इसका पता चल गया है। मीडिया रिपोर्ट की की माने तो अमरुल्लाह सालेह तजाकिस्तान में हैं, वहीं मसूद यूरोपीय देश फ्रांस में हो सकते हैं।

ताजिक राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा कि युद्धविराम और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए मदद के द्वार खोले गए है। सालेह को मानवीय आधार पर ताजिकिस्तान में रहने दिया गया है। ताजिक राष्ट्रपति ने यह भी आशा व्यक्त की थी कि अफगानिस्तान में सभी राजनीतिक और जातीय समूहों के हितों को ध्यान में रखा जाएगा।

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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही सालेह के बड़े भाई रोहुल्लाह सालेह को तालिबान ने पंजशीर घाटी में तलाशी अभियान के दौरान पकड़ लिया था और मार डाला था। सूत्रों के अनुसार नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) के प्रमुख सदस्यों का मैदान से हटना यह दर्शाता है कि पंजशीर लड़ाकों के लिए कोई अन्य देश बेस प्रदान करने के लिए अनिच्छुक है।

अहमद मसूद का गढ़ माना जाता है

गौरतलब है कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद सिर्फ पंजशीर ही ऐसा प्रांत था, जहां तालिबान का नियंत्रण नहीं था। हालांकि, इस माह की शुरुआत में तालिबान ने दावा किया कि अब पंजशीर भी पूरी तरह से उसके कब्जे में है। पंजशीर को पूर्व अफगान गुरिल्ला कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद का गढ़ माना जाता है। यहां उनकी तैयार की गई विद्रोही सेना तालिबान से लोहा ले रही है। पंजशीर को बचाने में अहमद मसूद को अमरुल्लाह सालेह का साथ मिल रहा था।

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