America ने दोबारा WHO में शामिल होने की रखी शर्त, चीन की तरफ झुकाव खत्म करने को कहा

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अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉर्बट सी ओ ब्रयान (Robert C. O’Brien) ने दिए संकेत, कहा-भ्रष्टाचार से दूर रहे संस्था
ब्रयान ने कहा कि WHO में काफी सुधार की जरूरत है, 400 मिलियन डॉलर की सहायत देता था अमरीका

<p>अमरीका ने WHO में शामिल होने के लिए रखीं शर्तें।</p>
वाशिंगटन। अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉर्बट सी ओ ब्रयान (Robert C. O’Brien) ने रविवार को कहा कि अगर डब्ल्यूएचओ भ्रष्टाचार और चीन के प्रति अपने झुकाव को खत्म करे तो अमरीका फिर से इसमें शामिल हो सकता है। दरअसल,अमरकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से सारे संबंध तोड़ने का ऐलान किया था। उनका आरोप था कि संस्था चीन के प्रति झुकाव रखने और कोरोना वायरस महामारी को लेकर जानकारियां छिपाने की कोशिश कर रही है।
ब्रायन ने मीडिया से कहा कि WHO में काफी सुधार की जरूरत है। अगर हमें लगता है कि संस्था अपने रवैये में बदलाव ला रही है तो दोबारा इस पर विचार किया जा सकता है। अमरीका WHO को करीब 400 मिलियन डॉलर की सहायता देता था। अब उसने पूरी तरह से अपने हाथ खींच लिए हैं। ट्रंप ने बीते दिनों कहा था कि वह चीन और WHO की जुगलबंदी से तंग आ चुके हैं। दोनों ने मिलकर शुरूआत से ही पूरी दुनिया से हकीकत को छिपाए रखा।
अमरीका ने WHO पर कई आरोप लगाए

इस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने WHO के निदेशक डॉ. माइकल जे रायन को एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने 30 दिन के भीतर संगठन में बड़े बदलाव करने को कहा था। इस पत्र में चेतावनी थी कि ऐसा न करने पर अमरीका अपनी राशि को हमेशा के लिए बंद कर देगा या संगठन से अलग होने का फैसल ले सकता है।
58 लाख से ज्यादा लोग पीड़ित

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया के अब तक 188 देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। इस महामारी से अब तक 5,878,701 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं 362,769 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। अमरीका में जहां पर 1,735,971 मामलों हैं। वहीं 102,323 लोगों की मौत हो चुकी है। एक लाख से अधिक लोगों की मौत के बावजूद यहां पर मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
आर्थिक संकट से जूझ रहा WHO

अमरीकी फंडिंग रुकने से WHO आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उसका मौजूदा बजट 2.3 बिलियन डॉलर है, जो वैश्विक संस्था के हिसाब से काफी कम है। फंडिंग कम होने की वजह से WHO को बड़ी समस्य का सामना करना पड़ सकता है। अभी सिर्फ चीन ने ही उसे फंडिंग की है, जो अमरीका की फंडिंग का दसवां भाग है। इस दौरान अमरीका ने ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों ने भी WHO से बदलाव का आग्रह किया है।
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