अमरीका में खूब फल-फूल रहे प्राइवेट डिटेंशन सेंटर, ट्रंप प्रशासन दे रहा अलग से बजट

मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि देशभर में कई डिटेंशन सेंटर हैं और कई बनाए जा रहे हैं
अमरीका में अवैध अप्रवासियों की व्यवस्था देखने के लिए प्राइवेट कंपनियों को नियुक्त किया गया है

वाशिंगटन। भारत में सीएए और एनआरसी की चर्चाओं में डिटेंशन सेंटर (Detention Centre) का नाम सामने आ रहा है। यह ऐसी जगह है जहां में देश में मौजूद घुसपैठियों को रखा जाएगा। रिपोटर्स के मुताबिक अब तक सिर्फ असम (Assam) में ही डिटेंशन सेंटर है। वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि देशभर में कई डिटेंशन सेंटर हैं और कई बनाए जा रहे हैं।
क्या होते हैं डिटेंशन सेंटर

डिटेंशन सेंटर अवैध तौर पर किसी देश में दाखिल व्यक्ति के रहने की व्यवस्था होती है। अगर कोई व्यक्ति किसी देश में बिना किसी वैध दस्तावेज के प्रवेश करता है तो पुलिस उसे जेल न डालकर डिटेंशन सेंटर में रखती है। यहां उन्हें नजरबंद करके उनकी वापसी के लिए व्यवस्था होती है। दुनियाभर के कई देशों ने अपने यहां डिटेंशन सेंटर बना रखे हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार अमरीका (America) में दुनिया के सबसे ज्यादा डिटेंशन सेंटर बना रखे हैं। यहां पर बिना वैध दस्तावेज के दूसरे देशों से आए नागरिकों को रखा जाता है। इन डिटेंशन सेंटर में बच्चे,बूढ़े और औरतें सभी को रखा जाता है। रिपोर्ट के अनुसार इन डिटेंशन सेंटर में इनकी हालत खराब होती है।
दक्षिणी अमरीका के बॉर्डर इलाके से बड़े पैमाने पर लोग भागकर अमरीका आ रहे हैं। इन इलाकों से गैंग वार, घरेलू हिंसा और गरीबी की वजह से हजारों लोग बिना वैध परिमट के अमरीका में घुस जाते हैं। इन इलाकों से करीब 52 हजार अवैध अप्रवासी जेलों, टेंटों और इस तरह के दूसरे डिटेंशन सेंटर में रहते हैं।
ट्रंप के शासनकाल में बढ़ी डिटेंशन सेंटर की संख्या

अमरीका में अवैध तौर पर घुसपैठ की समस्या पुरानी है। इससे निपटने के लिए पहले से ही यहां डिटेंशन सेंटर चलाए जा रहे हैं। लेकिन बताया जा रहा है कि ट्रंप के शासनकाल में डिटेंशन सेंटर की संख्या बढ़ी है। बीते चार दशक में जिस तरह से अमरीका में अवैध घुसपैठ की संख्या बढ़ रही है,उसके बाद उनकी समस्या के निदान के लिए डिटेंशन सेंटर और दूसरी व्यवस्था प्रदान करने वाली बिलियन डॉलर्स का उद्योग खड़ा हो गया है।
प्राइवेट कंपनियां चला रही हैं डिटेंशन सेंटर

अमरीका में अवैध अप्रवासियों की समस्या इतनी बड़ी हो गई है कि सरकार ने इसके लिए बजट देना शुरू कर दिया है। अवैध अप्रवासियों की व्यवस्था देखने के लिए प्राइवेट कंपनियों को नियुक्त किया गया है। ये कंपनियां डिटेंशन चलाकर अरबों रुपए कमा रही हैं।
ट्रंप ने अवैध अप्रवासियों को निकालने का किया था वादा

अमरीका में प्राइवेट जेल और डिटेंशन सेंटर चलाने वाली कंपनियां ट्रंप के शासनकाल में खूब फल-फूल रही हैं। अमरीकी चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया था कि वो अमरीका से 1 करोड़ 10 लाख अवैध अप्रवासियों को देश से बाहर करेंगे। अमरीकी चुनाव में जब ट्रंप को जीत हासिल हुई तो प्राइवेट जेल और डिटेंशन सेंटर चलाने वाली कंपनियों के शेयरों में काफी उछाल आया।
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