कोरोना से होने वाली मौत का असल आंकड़ा हो सकता है तीन गुना ज्यादा: WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वैश्विक स्वास्थ्य के आंकड़ों पर जारी सालाना रिपोर्ट में कहा है कोरोना की वजह से होने वाली मौतों का असल आंकड़ा 60 से 80 लाख के बीच हो सकता है।

<p>actual death toll from Corona may be three times higher: WHO</p>

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के प्रभाव से पूरी दुनिया जूझ रही है और अब तक लाखों की संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करोड़ों लोग संक्रमित हुए हैं। वायरस फैलने की शुरुआत होने के करीब डेढ़ साल बाद भी अभी हर दिन लाखों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं, जबकि हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो रही है।

ऐसे में कोरोना की वजह से हो रही मौतों के आंकड़ों को लेकर अब दुनिया के कई देशों में बहस का मुद्दा बन गया है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कहा गया है कि कोविड की वजह से होने वाली मौतों का आधिकारिक आंकड़ा अभी जितना बताया जा रहा है, असल में इससे दो-तीन गुना अधिक है।

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WHO के मुताबिक, अभी तक के उपलब्ध आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार कोरोना के कारण 34 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। वैश्विक स्वास्थ्य के आंकड़ों पर अपनी सालाना रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कोरोना की वजह से होने वाली मौतों का असल आंकड़ा 60 से 80 लाख के बीच हो सकता है।

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2020 में हुई 30 लाख से अधिक मौतें

अपनी सालाना रिपोर्ट में WHO ने बताया है कि पिछले साल 2020 में कोरोना की वजह से कम से कम तीस लाख लोगों की मौत हुई हैं या फिर आधिकारिक आंकड़ों में जितना भी बताया गया है उससे 12 लाख अधिक लोगों ने अपनी जान गवांई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, “कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर असल आंकड़ों से काफी कम है।” संगठन की सहायक प्रबंध निदेशक समीरा अस्मा ने एक बयान में कहा, “असल में मौतों का आंकड़ा दो या तीन गुना अधिक होगा। मैं स्पष्ट कह सकती हूं कि यदि सही मायने में आकलन किया जाए तो ये आंकड़ा बढ़कर 60 से 80 लाख के बीच होगा।”

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आधिकारिक आंकड़े कम दर्ज होने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इसके कई कारण हो सकते हैं। WHO ने कहा कि महामारी शुरू होने के वक्त कोविड की पुष्टि होने से पहले ही कई लोगों की मौत हो चुकीथीछ, जिन्हें आंकड़ों में शामिल नहीं किया जा सका है।

इसके अलावा कई देशों के पास उस वक्त मौत के आधिकारिक आंकड़ों को दर्ज करने का कोई उचित प्रक्रिया व प्रबंध नहीं थी। ऐसे में लाखों की संख्या में मौत का आंकड़ा दर्ज नहीं हो पाया है।

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