2021 Nobel Prize: भौतिकी में मनाबे, हैसलमैन और पारिसी को पुरस्कार

भौतिकी में 2021 का नोबेल पुरस्कार मनाबे, हैसलमैन और पारिसी को संयुक्त रूप से दिया गया है। यह पुरस्कार जापान, जर्मनी और इटली के वैज्ञानिकों को दिया गया है।

<p>2021 Nobel Prize in Physics to Manabe, Hasselmann and Parisi </p>
नई दिल्ली। विश्व के प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार की सोमवार से शुरू हुई घोषणा के बाद मंगलवार को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया। यह पुरस्कार जापान, जर्मनी और इटली के वैज्ञानिकों को दिया गया है। 90 वर्षीय स्यूकुरो मनाबे और 89 वर्षीय क्लॉस हासेलमैन को “पृथ्वी की जलवायु के भौतिक मॉडलिंग, परिवर्तनशीलता की मात्रा निर्धारित करने और ग्लोबल वार्मिंग की विश्वसनीय भविष्यवाणी” में उनके काम के लिए दिया गया है।
जबकि पुरस्कार का दूसरा भाग 73 वर्षीय जियोर्जियो परिसी को “परमाणु से ग्रहों के पैमाने में भौतिक प्रणालियों में विकार और उतार-चढ़ाव की परस्पर क्रिया की खोज” के लिए दिया गया है। नोबेल पुरस्कार पैनल ने कहा कि मनाबे और हासेलमैन ने “पृथ्वी की जलवायु के बारे में हमारे ज्ञान की नींव रखी और बताया कि मानवता इसे कैसे प्रभावित करती है।”
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वर्ष 1960 के दशक की शुरुआत में, मनाबे ने प्रदर्शित किया कि कैसे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से वैश्विक तापमान में वृद्धि होगी, जिससे वर्तमान जलवायु मॉडल की नींव रखी जाएगी। लगभग एक दशक बाद, हासेलमैन ने एक मॉडल बनाया जो मौसम और जलवायु को जोड़ता है, और यह समझाने में मदद करता है कि मौसम की अराजक दिखने वाली प्रकृति के बावजूद जलवायु मॉडल विश्वसनीय क्यों हो सकते हैं।
उन्होंने जलवायु पर मानव प्रभाव के विशिष्ट संकेतों को देखने के तरीके भी विकसित किए। पारिसी ने “एक गहरा भौतिक और गणितीय मॉडल बनाया” जिसने गणित, जीव विज्ञान, तंत्रिका विज्ञान और मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में जटिल प्रणालियों को समझना संभव बना दिया।
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नोबेल पुरस्कार की घोषणा के बाद, पारिसी ने कहा, “जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए यह बहुत जरूरी है कि हम बहुत मजबूत निर्णय लें और बहुत तेज गति से आगे बढ़ें। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए स्पष्ट है कि हमें अभी कार्य करना है।”
विजेताओं की घोषणा मंगलवार को रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव गोरान हैन्सन ने की। संबंधित क्षेत्रों में काम करने वाले कई वैज्ञानिकों के लिए पुरस्कार साझा करना आम बात है।

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इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के अंतर्गत एक स्वर्ण पदक और 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानी तकरीबन 1.14 मिलियन अमरीकी डॉलर दिए जाते हैं। इसकी पुरस्कार राशि, पुरस्कार के निर्माता स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा छोड़ी गई वसीयत से आती है, जिनकी मृत्यु 1895 में हुई थी।
इससे पहले सोमवार को नोबेल समिति ने अमरीकी डेविड जूलियस और अर्डेम पटापाउटियन को उनकी खोजों के लिए शरीर विज्ञान या चिकित्सा में पुरस्कार से सम्मानित किया। अब आने वाले दिनों में रसायन विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे।

अमित कुमार बाजपेयी

पत्रकारिता में एक दशक से ज्यादा का अनुभव. ऑनलाइन और ऑफलाइन कारोबार, गैज़ेट वर्ल्ड, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, एजुकेशन पर पैनी नज़र रखते हैं. ग्रेटर नोएडा में हुई फार्मूला वन रेसिंग को लगातार दो साल कवर किया. एक्सपो मार्ट की शुरुआत से लेकर वहां होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों-संगोष्ठियों की रिपोर्टिंग.

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