मॉरीशस में शुरू हुआ विश्व हिंदी सम्मलेन, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ले रही हैं हिस्सा

इस सम्मलेन के लिए पहली बार आधिकारिक प्रतिनिधियों के लिए एक विशेष उड़ान भी व्यवस्थित की गई । शुक्रवार को पूरे विश्व से लगभग 290 प्रतिनिधि पोर्ट लुईस पहुंचे हैं

पोर्ट लुइस। वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा की पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य 11 वां विश्व हिंदी सम्मेलन 18 अगस्त, शनिवार से मॉरीशस में शुरू हो गया। मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रवीण कुमार जगन्नाथ ने पोर्ट लुइस में इस सम्मेलन का उद्घाटन किया । विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अन्य मंत्री इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पोर्ट लुइस पहुंच रहे हैं। इस वर्ष सम्मेलन का विषय “हिंदी विश्व और भारतीय संस्कृति” है।
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विश्व भर से जुटे हिंदी प्रेमी

इस सम्मलेन के लिए पहली बार आधिकारिक प्रतिनिधियों के लिए एक विशेष उड़ान भी व्यवस्थित की गई । शुक्रवार को पूरे विश्व से लगभग 290 प्रतिनिधि पोर्ट लुईस पहुंचे हैं। यह पहली बार है कि दिल्ली, चंडीगढ़ और पुडुचेरी के सभी 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। भारत और दुनिया के विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान हिंदी विश्व और भारतीय संस्कृति पर विचार-विमर्श करेंगे।
पीएम ने दी शुभकामनाएं

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन की सफलता की कामना की। एक संदेश में प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें यकीन है कि यह सम्मेलन हिंदी भाषा के प्रयोग को प्रोत्साहित करेगा और दुनिया में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे पहले 10 अगस्त को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में आवश्यक दो तिहाई बहुमत हासिल करने के लिए प्रयास किया जाएगा। शनिवार को उद्घाटन सत्र के बाद 2015 में भोपाल में आयोजित 10 वें सम्मेलन के दौरान की गई सिफारिश पर एक रिपोर्ट भी जारी की जाएगी।
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बता दें कि हिंदी भाषा को 1975 में हिंदी भाषा को सेवा और ज्ञान का माध्यम बनाने और इसे समय के साथ आगे बढ़ने में सक्षम बनाने के लिए शुरू किया गया था। तब से nहिंदी ने उल्लेखनीय प्रगति की है और यह दुनिया की प्रमुख भाषाओं में से एक बन गई है।
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