संयुक्त मोर्चा ने ठुकराया केंद्र सरकार का प्रस्ताव, फिर दोहराई MSP पर कानून बनाने की मांग

नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया
सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए सं किसान संगठनों के बीच हुई बैठक में फैसला लिया गया

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों ( New Farm Laws ) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने गुरुवार को केंद्र के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें डेढ़ साल तक कानूनों को निलंबित करने और समस्या को सुलझाने के लिए एक कमेटी के गठन की बात कही गई थी। सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ( Samyukt Kisan Morcha ) के बैनर तले 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके साथ ही बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनाए जाने की मांग को भी दोहराया गया।

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22 जनवरी को अगले दौर की वार्ता

आपको बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र के बीच हुई बैठक के बाद बुधवार को सरकार की ओर से आए प्रस्ताव पर किसानों ने स्पष्ट कहा कि वो अपने संगठनों के बीच बैठक के बाद ही इस पर कोई फैसला ले सकते हैं। अब 22 जनवरी को अगले दौर की वार्ता के लिए बैठक होनी है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेशों तक कृषि कानूनों पर रोक लगा रखी है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। जो किसानों से बातचीत करके दो महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखेंगे।

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दिल्ली के अलग-अलग प्रवेश मार्गों पर विरोध प्रदर्शन

आपको बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलग-अलग प्रवेश मार्गों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके साथ ही किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालने की भी चेतावनी दी है। जिसको लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने की मांग की है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस को हो दी है। कोर्ट ने कहा कि यह विषय कानून और व्यवस्था से जुड़ा हुआ है। इसलिए यह दिल्ली पुलिस पर निर्भर करता है कि वो दिल्ली में किसको प्रवेश करने और किसको नहीं।

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शहीद हुए 147 किसानों को श्रद्धाजंलि

सयुंक्त किसान मोर्चा ने कहा कि, “इस आंदोलन में अब तक शहीद हुए 147 किसानों को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हैं। इस जनांदोलन को लड़ते लड़ते ये साथी हमसे बिछड़े हैं। इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।” पुलिस प्रशासन के साथ हुई बैठक में पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश न करने की बात कही, वहीं किसानों ने दिल्ली की रिंग रोड पर परेड करने की बात दृढ़ता और जोर से रखी।

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