राज्यपाल जगदीप धनखड़ मंगलवार को पत्रिका कीनोट सलोन में जवाब दे रहे थे। शो का मॉडरशेन पत्रिका के गिरिराज शर्मा और शैलेंद्र तिवारी ने किया। राज्यपाल ने कहा, मैं बहुत आशावादी हूं। मैं सभी विवादों को पीछे छोड़ना चाहता हूं। मैं रिश्तों को सुधारकर आगे बढ़ना चाहता हूं, जिससे राज्य का भला हो। मैं संबंध सुधार कर रहूंगा, ममताजी की ममता मुझे जरूर मिलेगी। हमें भ्रष्टाचार खत्म करना है, राजनीति गतिविधि का हक सभी को दिलाना है। ममताजी एक बेहतरीन नेता हैं, लेकिन उनकी विवादों की यह स्क्रिप्ट कोई दूसरा लिख रहा है। बेहतर हो कि वह उससे बाहर आएं।
राज्यपाल को ट्रोल कर रहे
राज्यपाल धनखड़ ने कहा, मैं राज्य के छाती पर गोली खाने के लिए तैयार हूं। अगर केंद्र के साथ राज्य का कोई भी विवाद है तो मैं हमेशा राज्य के साथ खड़ा होउंगा। लेकिन राज्य में कुछ अलग ही व्यवहार हो रहा है। सरकार की आउटसोर्स एजेंसी अपना पूरा काम राज्यपाल को ट्वीटर पर ट्रोल करने में लगाती है। कुछ वरिष्ठ सांसदों और मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह राज्यपाल पर अनर्गल बयानबाजी करते रहें। राजभवन सेंसरशिप के दायरे में है। यहां पर आने वाला व्यक्ति अपना नाम बदलकर आने की गुजारिश करता है। ये क्या हो रहा है, क्या राजभवन इस दायरे में आ गया है कि कोई राज्यपाल से मिलने भी नहीं आ सकता है।
राज्यपाल धनखड़ ने कहा, मैं राज्य के छाती पर गोली खाने के लिए तैयार हूं। अगर केंद्र के साथ राज्य का कोई भी विवाद है तो मैं हमेशा राज्य के साथ खड़ा होउंगा। लेकिन राज्य में कुछ अलग ही व्यवहार हो रहा है। सरकार की आउटसोर्स एजेंसी अपना पूरा काम राज्यपाल को ट्वीटर पर ट्रोल करने में लगाती है। कुछ वरिष्ठ सांसदों और मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह राज्यपाल पर अनर्गल बयानबाजी करते रहें। राजभवन सेंसरशिप के दायरे में है। यहां पर आने वाला व्यक्ति अपना नाम बदलकर आने की गुजारिश करता है। ये क्या हो रहा है, क्या राजभवन इस दायरे में आ गया है कि कोई राज्यपाल से मिलने भी नहीं आ सकता है।