इस बीच राजधानी दिल्ली में निजामुद्दीन ( Nizamuddin ) कांड ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। अभी ये मसला थमा ही नहीं था कि एक और घटना को हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
लॉकडाउन के बीच सड़कों पर उतरे यमराज और चित्रगुप्त, जानिए फिर क्या हुआ दरअसल दिल्ली के निजामुद्दीन की जमात में हिस्सा लेने वाले पहले मरकज ( makaz ) छोड़कर जाने को तैयार नहीं थे। अब जब उन्हें क्वारंटीन सेंटर में रखा गया है। तब ये इलाज कर रहे डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को भी वे परेशान कर रहे हैं।
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार के मुताबिक ये सभी लोग क्वारंटीन सेंटर में जगह-जगह थूक रहे हैं। साथ ही डॉक्टरों और कर्मचारियों के ऊपर भी थूक रहे हैं। तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी में निजामुद्दीन के मरकज से निकाले गए 170 संदिग्ध कोरोना मरीजों के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। इस सेंटर के बनने और यहां मरकज से लोगों के आने के बाद से रेलवे के क्वारटरों में रहने वाले कर्मचारियों में डर का माहौल है।
बिना जरूरी मांगों को लेकर बुरा व्यवहार
क्वांरटाइन सेंटर लाए गए मरकज के लोगों के व्यवहार से रेलवेकर्मचारी काफी परेशान हैं। सुविधाओं की कमी के साथ अन्य मांगों को लेकर ये लोग बस से लेकर क्वारंटाइन सेंटर में जगह-जगह थूक और खांस रहे हैं। इनकी ऐसी हरकतों से रेल कर्मचारी डरे और सहमे हुए हैं।
क्वांरटाइन सेंटर लाए गए मरकज के लोगों के व्यवहार से रेलवेकर्मचारी काफी परेशान हैं। सुविधाओं की कमी के साथ अन्य मांगों को लेकर ये लोग बस से लेकर क्वारंटाइन सेंटर में जगह-जगह थूक और खांस रहे हैं। इनकी ऐसी हरकतों से रेल कर्मचारी डरे और सहमे हुए हैं।
देश के इस इलाके में बनी सैनिटाइजर टनल, अब 5 सेकंड में होगा कोरोना से बचाव इतना ही नहीं सेंटर के पास PCR की व्यवस्था भी की थी। अधिकारियों ने सेंटर पहुंचकर मरीजों को समझाया भी था। बीती रात देशी-विदेशी लोगों को भर्ती किया गया था।
इसमें 97 लोगों को डीजल शेड में बने तीन मंजिल भवन में और बाकी लोगों को आरपीएफ बैरक में भर्ती किया गया था। आपको बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात से निकल देशभर में गए कोरोना संक्रमितों ने संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ा दिया है।