इस साल पहली बार दिल्ली की वायु गुणवत्ता पहुंची गंभीर श्रेणी में, क्या है इसकी वजह और कब सुधरेंगे हालात इससे पहले इस सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि केंद्र सरकार दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक कानून बनाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि केंद्र अदालत से आग्रह करेगा कि पराली जलाने की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन बी लोकुर के एक सदस्यीय पैनल के आदेश को प्रभावी रखा जाए।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम, अध्यादेश जारी नए अध्यादेश के मुताबिक एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) और दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के नजदीकी इलाकों के लिए एक एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन गठित किया जाएगा।
अध्यादेश के मुताबिक, “इस अध्यादेश का पालन न किए जाने पर या कमिशन द्वारा जारी किए गए आदेश या निर्देश के तहत बनाए गए नियमों का पालन न किए जाने पर 5 साल तक की जेल या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।”
गृह मंत्रालय ने जारी कीं Unlock 6.0 की गाइडलाइंस, 1 नवंबर से इन सेवाओं को दी अनुमति एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन के अध्यक्ष का चयन पर्यावरण और वन मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा किया जाएगा। इस आयोग में परिवहन और वाणिज्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के मंत्री और कैबिनेट सचिव भी सदस्य के रूप में शामिल होंगे। 18 सदस्यों वाले इस आयोग में एक पूर्णकालिक चेयरमैन होगा।
18 सदस्यों में से 10 नौकरशाह जबकि अन्य विशेषज्ञ और कार्यकर्ता होंगे। इस आयोग के आदेशों को केवल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में ही चुनौती दी जा सकेगी और किसी सिविल कोर्ट में नहीं।