चेन्नई में लोग बीच के किनारे घूमते हुए। हांलकि कोविड काल में बीच पर जाना प्रतिबंधित है। फोटो: हरिहर कृष्णन
आएगी उम्मीदों की नई सुबह - हर काली रात के बाद नई मुस्कराती सुबह आती है। चाहे रात अंधियारी हो या आंधी से युक्त....। सुबह आते ही हर जुगह सुख, सुकून, उम्मीद व खुशी चहकने लगते हैं। कोरोना से कराहते सरहदी जिले जैसाण के बांशिंदों को हर सुबह यही उम्मीद रहती है कि अगली सुबह राहत का संदेश लेकर आएगी। जैसलमेर के ऐतिहासिक गड़ीसर सरोवर के समीप सूर्योदय का नजारा। फोटो- पत्रिका
प्राकृतिक ऑक्सीजन की छाव में... उदयपुर के समीप हवाला गांव में एक बुजुर्ग अपने खेत पर बने मचान पर दोपहर में शुद्ध ऑक्सीजन की छाव में सुस्ताता हुआ। कोरोना काल में इन दिनों खेतों में किसान परिवार दोपहरी में खेतों में शुद्ध ऑक्सीजन की छांव में बिता रहे है। फोटो: प्रमोद सोनी
लॉकडाउन में याद आया चार दशक पुराना घट्टी का पहिया... भोपाल के आसपास ग्रामीण क्षेत्र में भी कोरोना ने अपने पैर तेजी से पसार लिए हैं। इस दौरान गांव में भी सतर्कता बरती जा रही है चक्की बंद होने के दौरान ग्रामीण महिलाएं घर में ही अपनी पुरानी पद्धति से आटा पीस कर गुजारा कर रहे हैं । फ़ोटो: सुभाष ठाकुर
भोपाल की लाइफ लाइन बड़ा तालाब काफी सूख गया है। लेकिन तेज धूप में यह दृश्य आंखों को सुकून देने वाला है। फ़ोटो सुभाष ठाकुर
श्रीगंगानगर में कोराना की दूसरी लहर के चलते कफ्र्यू के दौरान ड्यूटी के साथ-साथ सेवा का मौका दे रहे हैं यातायात पुलिस कर्मी। फोटो: राजेंद्रपाल निक्का
अजमेर में मौसम सुबह से ही ठंडा रहा, पेड़ से पत्ते झड़ने लगे । कर्फ्यू में कैसरगंज गोल चक्कर मोबाइल पैनारोमा से यू नजर आया सूना। फ़ोटो जय माखीजा