इस बीच टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए भारत एक और कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे सकता है। बताया जा रहा है कि भारत में रूसी वैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है। इस संबंध में आज विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) की बैठक होने वाली है।
एस्ट्राजेनेका अपनी वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में स्पुतनिक-वी घटक का परीक्षण करेगी
केंद्र सरकार के अधिकारी ने बताया है कि देश में रूसी वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी देने को लेकर एक अहम बैठक होने वाली है। अधिकारी के अनुसार, रूस की स्पुतनिक वी कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी के लिए डॉ. रेड्डीज के आवेदन पर आज (बुधवार) आयोजित होने वाली विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) की बैठक में चर्चा की जाएगी।
इसके बाद भारत में रूसी वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर कोई बड़ा फैसला आ सकता है। बता दें कि डॉ. रेड्डी लैब ( Dr. Reddy Laboratory ) ने 21 फरवरी को रूस के स्पुतनिक वी वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ( DCGI ) के पास आवेदन भेजा था।
91.6 फीसदी असरदार है रूसी वैक्सीन
आपको बता दें कि अभी हाल ही रूसी वैक्सीन स्पुतनिक के तीसरे चरण का ट्रायल पूरा किया गया है, जिसमें वैक्सीन के 91.6 फीसदी असरदार होने की बात कही गई है। तीसरे चरण के ट्रायल में 19,866 वॉलंटियर शामिल हुए थे। इनमें 60 साल से ज्यादा उम्र के 144 वॉलंटियर थे जिनमें 91.8 फीसद प्रभावकारिता दर्ज की गई थी।
भारत में पहले से ही दो स्वदेशी वैक्सीन (कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) ) को मंजूरी मिल चुकी है और टीकाकरण किया जा रहा है। भारत में दोनों वैक्सीनों को एक साथ 3 जनवरी, 2021 को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी। इसके बाद 16 जनवरी, 2021 से देश भर में टीकाकरण की शुरुआत की गई थी।
प्राथमिकता के आधार पर देश में अब तक स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को मिलाकर वैक्सीन की 1.19 करोड़ डोज दी जा चुकी है। कोरोना वैक्सीन का पहला डोज 64,71,047 स्वास्थ्यकर्मी को दिया गया है। इनमें से 13,21,635 को दूसरी डोज भी दी चुकी है और पहली डोज लेने वाले 41,14,710 फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं।