Corona काल में इंसान नहीं Robot साफ करेगा नाला व सीवर, जानिए कैसे करेगा काम

Highlights- विज्ञान की कई दिन में से एक है रोबोट (Robot) जिसने हर चीज सरल और सहज कर दी है- एक ऐसा ही रोबोट असम में तैयार हुआ है। जिसने लोगों की समस्या का समाधान कर दिया है- यह रोबोट असम (Assam) के गुवाहाटी (Guwahati ) सीवर व नालों की सफाई करेगा। अब इंसानों को गंदगी साफ करने की जरूरत नहीं होगी। यह काम रोबोट करेगा

<p>Corona काल में इंसान नहीं Robot साफ करेगा नाला व सीवर, जानिए कैसे करेगा काम</p>
नई दिल्ली. लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए विज्ञान की महान देन है रोबोट (Robot)। आज हमारे जीवन को जिस तरह विज्ञान ने सरल बना दिया है उसकी जितनी सराहना की जाए कम है। विज्ञान की कई दिन में से एक है रोबोट (Robot) जिसने हर चीज सरल और सहज कर दी है। एक ऐसा ही रोबोट असम में तैयार हुआ है। जिसने लोगों की समस्या का समाधान कर दिया है।
रोबोट करेगा गंदगी साफ

यह रोबोट असम (Assam) के गुवाहाटी (Guwahati ) सीवर व नालों की सफाई करेगा। अब इंसानों को गंदगी साफ करने की जरूरत नहीं होगी। यह काम रोबोट करेगा। जानकारी के मुताबिक शहर में सीवर नाले की सफाई का काम व्यक्तियों द्वारा कराया जाना अब धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। वहीं यह जिम्मेदारी अब रोबोट को दे दी गई है।
मंत्री ने किया रोबोट का उद्घाटन

असम के गुवाहाटी में अब सीवर मैनहोल की सफाई रोबोट करेंगे। गुवाहाटी विकास विभाग (जीडीडी) मंत्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य (Guwahati Development Department (GDD) Minister Siddharth Bhattacharya) ने इस रोबोट का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, ‘हमने भूमिगत नालियों से कीचड़ को निकालने के लिए रोबोट तकनीक की शुरुआत की है। यह हमें इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (Indian Oil Corporation) द्वारा दिया गया है।
रोबोट का नाम दिया बंडीकूट

‘बंडीकूट’ ‘BANDICOOT’ नाम के रोबोट को गुवाहाटी नगर निगम (GMC) द्वारा खरीदा गया है, जिसमें JCB से छह स्किड स्टीयर लोडर (मिनी लोडर) और CASE और BOBCAT कंपनियों से छह बैकहो लोडर शामिल हैं।
तकनीक की खरीदने वाला तीसरा देश बना गुवाहाटी

गुरुग्राम और कोयंबटूर के बाद मैनहोलों को साफ करने के लिए इस नवीन तकनीक की खरीद करने वाला गुवाहाटी देश का तीसरा शहर है।

गौरतलब है कि BANDICOOT रोबोट दुनिया में अपनी तरह का पहला उत्पाद है जिसे मेक इन इंडिया (Make in india) पहल के तहत Genrobotics नामक एक स्टार्ट-अप इंडिया कंपनी द्वारा विकसित किया गया था, जिसे Indian Oil Corporation Limited (IOCL) के CSR द्वारा वित्त पोषित किया गया था।
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