34 साल बाद देश की शिक्षा नीति में हुआ बदलाव, पीएम मोदी ने दिखाई इन परिवर्तनों को हरी झंडी मीडिया से बात करते हुए हैदराबाद निवासी मोहम्मद नूरुद्दीन ने कहा कि वह पिछले 33 वर्षों से अपनी कक्षा 10वीं की परीक्षा को पास करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन वह इस परीक्षा को पास करने में हर बार असफल रहे क्योंकि वह अंग्रेजी में ‘कमजोर’ थे और उन्हें ट्यूशन देने वाला कोई नहीं था।
हालांकि इस वर्ष वह COVID-19 के मद्देनजर तेलंगाना सरकार ( Telangana government ) द्वारा कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं में बिना परीक्षा के सभी छात्रों को अगली कक्षा में भेजने के लिए उत्तीर्ण करने की घोषणा के चलते वह इस बार सफल रहे।
NEP2020: छठी कक्षा में कोडिंग, संस्कृत पर जोर, Board Exam समेत स्कूली शिक्षा में बदलाव की पूरी जानकारी “सौभाग्य से मुझे कक्षा 10 के परिणाम दिखाए बिना सुरक्षा गार्ड की नौकरी मिल गई। मैंने 1989 से सुरक्षा गार्ड के रूप में अपनी नौकरी जारी रखी और अब मुझे 7,000 रुपये का वेतन मिलता है। मेरे चार बच्चे हैं। मैंने इस साल परीक्षा पास की है क्योंकि सरकार ने COVID-19 के कारण छूट दी थी।”
मोहम्मद नूरुद्दीन ने कहा कि वह अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, “मैं अपनी पढ़ाई जारी रखूंगा और अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई भी पूरी करूंगा। मुझे नौकरी चाहिए। एक शिक्षित व्यक्ति का हर जगह सम्मान किया जाता है।”