नया अध्यादेश : दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फैलाने पर एक करोड़ का जुर्माना, पांच साल की जेल

केंद्र सरकार ने प्रदूषण फैलाने के खिलाफ एक अध्यादेश जारी किया है। इसके मुताबिक प्रदूषण फैलाने पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना और पांच साल की जेल हो सकती है।

नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने नसीहत देते हुए टिप्पणी की है। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एस.ए. बोबडे ने कहा है कि प्रदूषण की वजह सिर्फ पराली नहीं है। आप लोग लंबी-लंबी गाडिय़ों में घूमना बंद करें। साइकिल चलाने की आदत डालनी होगी। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने प्रदूषण फैलाने के खिलाफ एक अध्यादेश जारी किया है। इसके मुताबिक प्रदूषण फैलाने पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना और पांच साल की जेल हो सकती है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पक्ष केंद्र द्वारा जारी अध्यादेश को ठीक से पढ़ लें, उसके बाद सुनवाई होगी। कोर्ट ने सुनवाई 6 नवंबर तक के लिए टाल दिया है।

18 सदस्यीय आयोग गठित होगा
वायु प्रदूषण को रोकने, उपाय सुझाने और निगरानी के लिए दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में वायु प्रदूषण रोकने के लिए केंद्र सरकार एक आयोग का गठन करेगी। आयोग में एक चेयरपर्सन के साथ केंद्र सरकार, एनसीआर के राज्यों के प्रतिनिधि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व इसरो के प्रतिनिधि सहित 18 सदस्य होंगे। आयोग पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) की जगह लेगा। इसका मुख्यालय दिल्ली में होगा। इसके आदेश को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) में ही चुनौती दी जा सकेगी। यह आयोग पराली जलाने, गाडिय़ों से होने वाले प्रदूषण, धूल से होने वाले प्रदूषण सहित उन सभी मामलों पर गौर करेगी, जिसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फैलता है। संसद में सालाना रिपोर्ट जमा करेगी।
दिवाली पर पटाखे चलाने पर एक लाख जुर्माना
गुरुवार सुबह में देश की राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर तक पहुंच गई। लोगों का सांस लेना दूभर हो गया। दूसरी ओर प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ‘ग्रीन दिल्ली’ ऐप ला रही है। ग्रीन क्रैकर, देसी पटाखे चलाने पर एक लाख रुपये का जुर्माना होगा। सरकार ने इसके लिए 11 टीमें गठित कर रही है जो नवंबर से काम करेगी। सुप्रीम कोर्ट के भी आदेश हैं कि दिल्ली की हवा को खराब न होने दिया जाए।. जरूरी न हो तो पटाखे न चलाएं। प्रदूषण को कम करने में मदद करें।

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