दरअसल कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई लोगों में सूंघने की क्षमता ( Loss of Smell ) काफी कम हो गई है। कई लोगों में तो सूंघने की क्षमता ही चली गई है। अध्ययन ( Research on covid 19 ) में सामने आया है कि कोरोना संक्रमण से उबरने वाले कुछ लोगों को स्मेल करने में अक्षमता का सामना करना पड़ रहा है।
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कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने के बाद स्वस्थ्य हो रहे मरीजों में एक नई समस्या सामने आ रही है। दरअसल कई लोगों में सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता का खत्म हो रही है। डॉक्टरों के अनुसार कोरोना की महामारी के खिलाफ जंग जीतने वाले कुछ लोगों को हमेशा के लिए ‘अदृश्य अशक्तता’ के साथ जीना पड़ सकता है। कोरोना की चपेट में आने के कारण ये सूंघने (Loss Of Smell) की क्षमता गंवा चुके हैं।
कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए बनाए गए एक फ्रांसीसी समूह anosmie,org के अध्यक्ष मेलार्ड की मानें तो एनोस्मिया आपको जीवन में स्मेल करने की क्षमता को खत्म कर देता है। यह एक तरह की यातना है।
उन्होंने बताया कि एनोस्मिया वाले लोग आग लगने से पैदा हुए धुएं, गैस लीक और खराब धुले डस्टबिन की गंध भी महसूस नहीं कर पाते।
उन्होंने बताया कि एनोस्मिया वाले लोग आग लगने से पैदा हुए धुएं, गैस लीक और खराब धुले डस्टबिन की गंध भी महसूस नहीं कर पाते।
हाल ही में टेलीफोन के जरिए कोरोना संक्रमित 103 मरीजों पर हुए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि संक्रमण के तीन दिन बाद से ही व्यक्ति के सूंघने की क्षमता प्रभावित हो रही है। ओटोलराइनोलॉजी हेड एंड नेक सर्जरी जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है कि संक्रमण के तीसरे दिन से व्यक्ति के सूंघने की क्षमता प्रभावित होने लगती है। खास बात यह है कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी ये समस्या बनी हुई है।
नोवल कोरोनावायरस भी एनोस्मिया का कारण
पेरिस के एक अस्पताल में कान, नाक और गले के विशेषज्ञ एलन कॉरे के मुताबिक एनोस्मिया के दर्जनों कारण हैं मसलन-नाक के संक्रमण, पुरानी राइनाइटिस, मधुमेह, अल्जाइमर और पार्किंसंस लेकिन अब नोवल कोरोनोवायरस को भी इस सूची में जोड़ा गया है।
पेरिस के एक अस्पताल में कान, नाक और गले के विशेषज्ञ एलन कॉरे के मुताबिक एनोस्मिया के दर्जनों कारण हैं मसलन-नाक के संक्रमण, पुरानी राइनाइटिस, मधुमेह, अल्जाइमर और पार्किंसंस लेकिन अब नोवल कोरोनोवायरस को भी इस सूची में जोड़ा गया है।
पेरिस के दो अस्पताल कर रहे अध्ययन
उन्होंने कहा, जब आप सूंघने की क्षमता खो देते हैं और संक्रमण से उबरने के बाद भी इसे वापस नहीं पाते तो असल चुनौती का अहसास होता है। मुश्किल की बात यह है कि इस स्थिति का कोई विशिष्ट उपचार भी नहीं है। पेरिस के दो अस्पताल ऐसे मामलों पर आगे अध्ययन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, जब आप सूंघने की क्षमता खो देते हैं और संक्रमण से उबरने के बाद भी इसे वापस नहीं पाते तो असल चुनौती का अहसास होता है। मुश्किल की बात यह है कि इस स्थिति का कोई विशिष्ट उपचार भी नहीं है। पेरिस के दो अस्पताल ऐसे मामलों पर आगे अध्ययन कर रहे हैं।
डरने की बात नहीं
शोधकर्ताओं का कहना कि सूंघने की क्षमता कम होने का मतलब ये नहीं की मौत करीब है। इससे डरने या घबराने की जरूरत नहीं है।
शोधकर्ताओं का कहना कि सूंघने की क्षमता कम होने का मतलब ये नहीं की मौत करीब है। इससे डरने या घबराने की जरूरत नहीं है।