श्रमिक भाई थोड़े अधीर हो गए- तोमर केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने एक मीडिया हाउस से बात करते हुए कहा कि जो श्रमिक पैदल या फिर साइकिल से अपने घरों के लिए निकल पड़े, वे थोड़े अधीर हो गए थे। केन्द्रीय मंत्री का कहना है कि प्रवासी मजदूरों का थोड़ा इंतजार करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी सरकार को भी भली-भांती था। तोमर ने बताया कि जब देश में लॉकडाउन की स्थिति आई तो सरकार को पता था कि काफी संख्या में श्रमिक रोजी-रोटी के लिए एक-दूसरे इलाकों, शहरों और राज्यों में आते-जाते हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के श्रमिक खुद को असुरक्षित महसूस करेंगे और परिणाम यही हुआ।
लॉकडाउन के कारण सभी को हुई परेशानी- केन्द्रीय मंत्री वहीं, श्रमिकों के मौत पर केन्द्रीय मंत्री ( Central Minister ) ने कहा कि जब मुसीबत आता है तो सभी को परेशानी होती है दिक्कतों का सामना करते हैं। हालांकि, लोगों ने लॉकाडउन और नियमों का का सही से पालन किया और सरकार को सहयोग दिया। लेकिन, मजबूरी के कारण कई प्रवासी मजदूर पैदल ही घरों के लिए निकल पड़े। दुर्घटनाएं हुईं और कई मजदूरों की मौत भी हुई। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति जल्द घर पहुंचना चाहता था। सरकार ने श्रमिकों को अपने गृह राज्य पहुंचाने के लिए ट्रेनें भी चलाई। लेकिन, ट्रेन ( Special trains For Shramik ) केवल एक स्थान पर जाती है और लोग दस जगहों पर जानेवाले थे। ऐसे में जब तक ट्रेन नहीं चलेगी, लोगों को इंतजार करना पड़ेगा। लिहाजा, श्रमिक भाई थोड़े अधीर हो गए और पैदल-साइकिल के जरिए घरों के लिए निकल पड़े। हालांकि, जो घर में थे उन्होंने भी काफी कठिनाइयों का सामना किया। लेकिन, तोमर ने कहा कि ये प्रवासी थोड़ा इंतजार करते थे अप्रिय घटना भी नहीं होती और उन्हें ज्यादा कठिनाइयों का सामना भी नहीं करना पड़ता।