अकबर का पद पर बने रहना चिंताजनक: NWMI
एनडब्ल्यूएमआई ने राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में कहा कि हम बेहद चिंतित हैं कि वह (एमजे अकबर) केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मंत्री पद पर बने हुए हैं। पत्र के अनुसार कि आप इस बात से सहमत होंगे कि यह अनैतिक और अनुचित है। इस तरह से उनके कथित कुकर्मो की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच प्रभावित हो सकती है।
#MeToo: एमजे अकबर को प्रिया रमानी ने दिया जवाब, मानहानि का मुकदमा सच दबाने की कोशिश
अकबर पर आरोपों की स्वतंत्र जांच की मांग
एनडब्ल्यूएमआई ने कहा कि एक आपराधिक मानहानि का आरोप उन लोगों को धमकाने और चुप करने का स्पष्ट प्रयास है जो शक्तिशाली पदों पर बैठे पुरुषों द्वारा महिलाओं संग उत्पीड़न करने वालों को सामने ला रहे हैं। पत्र में कहा गया कि यह महिलाओं को खामोश रहने की स्थिति में वापस धकेलने के लिए बुना गया है और उन लोगों की भी आवाज को खामोश कर देगा जिन्होंने अभी तक बात नहीं की है। पैनल ने मांग की है कि अकबर को एक स्वतंत्र जांच में सहयोग देना चाहिए और विदेश मंत्रालय को उसे जांच होने तक पद से बर्खास्त करना चाहिए।
मानहानि मुकदमे का प्रिया रमानी ने दिया जवाब
विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर पर सबसे पहले यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मंत्री ने सोमवार को मानहानि का मुकदमा दायर किया है। जिसके बाद रमानी ने कहा कि अकबर धमकी और उत्पीड़न के जरिए आवाज बंद करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि मैं काफी निराश हूं कि केंद्रीय मंत्री ने कई महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों को राजनीतिक साजिश करार देते हुए खारिज कर दिया। मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करके अकबर ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। रमानी ने जोर देकर कहा कि वह मानहानि के आरोपों का सामना करेंगी। क्योंकि सच और पूर्ण सच ही मेरा बचाव है।