विशेषज्ञों को उम्मीद है कि वैक्सीन आने के बाद घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में रिकवरी तेज होगी, जिसके चलते धातुओं की कीमतों में बड़ा उछाल देख सकते हैं। लिथियम और कोबाल्ट ईवी के लिए महत्वपूर्ण तत्व हैं। कुछ महीनों में ही इनकी मांग 50 फीसदी बढऩे का अनुमान है।
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आपूर्ति सीमित होने से धातुओं की कीमतों में भी वृद्धि की आशंका है। लेड (सीसा), एल्युमीनियम और निकल की मांग बढऩे से इनकी कीमतों में भी वृद्धि हो सकती है। सोसाइटी ऑफ मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल के अनुसार भारत में लिथियम और कोबाल्ट के भंडारों का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय मांग और आपूर्ति के आधार पर घरेलू बाजार में कीमतें तय होती हैं।
आपूर्ति सीमित होने से धातुओं की कीमतों में भी वृद्धि की आशंका है। लेड (सीसा), एल्युमीनियम और निकल की मांग बढऩे से इनकी कीमतों में भी वृद्धि हो सकती है। सोसाइटी ऑफ मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल के अनुसार भारत में लिथियम और कोबाल्ट के भंडारों का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय मांग और आपूर्ति के आधार पर घरेलू बाजार में कीमतें तय होती हैं।
2019-30 के दौरान धातु व खनिजों की मांग में बढ़ोतरी का अनुमान |
धातु | मांग |
निकल | 14 गुना |
एल्मुनियम | 14 गुना |
फास्फोरस | 13 गुना |
आयरन | 13 गुना |
कॉपर | 10 गुना |
ग्रेफाइट | 10 गुना |
लिथियम | 9 गुना |
कोबाल्ट | 3 गुना |
मैगनीज | 3 गुना |
– कॉपर: दुनिया भर की सरकारों की तरफ से ग्रीन एनर्जी इनिशिएटिव्स के कारण भी इसकी मांग बनी रहेगी। चीन से मांग लगातार बनी रहेगी, इस वजह से कॉपर के भाव में आगे भी मजबूती बनी रहेगी।
– जिंक: इसका उपयोग मुख्य रूप से गैल्वेनाइज स्टील और चाइनीज स्टील बनाने के लिए किया जाता है। इंटरनेशनल लेड एंड जिंक स्टडी ग्रुप के मुताबिक जिंक की सप्लाई में 4.4 फीसदी की गिरावट रहने का अनुमान है।
– लेड: इसकी सबसे अधिक मांग ऑटोमोबाइल सेक्टर की तरफ से आती है। इसका इस्तेमाल लेड-एसिड बैट्री बनाने में करते हैं। बैट्री की मांग बढऩे के कारण लेड को सहारा मिला। मकरसंक्रांति पर इन चीजों का दान आपको बना सकता है धनवान और भाग्यवान
निवेश का बेहतर विकल्प बनेंगी मेटल कंपनियां
दुनिया में जिस तेजी के साथ ईवी कंपनियां बढ़ेगी, उसी तेजी के साथ मेटल कंपनियों की डिमांड बढ़ेगी। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वक्त में निवेश के लिए मेटल कंपनियों में ज्यादा विकल्प होंगे और निवेशकों को ज्यादा बेहतर रिटर्न हासिल होंगे।
दुनिया में जिस तेजी के साथ ईवी कंपनियां बढ़ेगी, उसी तेजी के साथ मेटल कंपनियों की डिमांड बढ़ेगी। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वक्त में निवेश के लिए मेटल कंपनियों में ज्यादा विकल्प होंगे और निवेशकों को ज्यादा बेहतर रिटर्न हासिल होंगे।