केंद्रीय जेल के अधीक्षक राकेश कुमार भांगरे के अनुसार इन लोगों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 के तहत अस्थायी जेल में डाला गया। यह जेल प्रशासन के आदेश पर तैयार की गई है। यहां पर एक सामुदायिक अतिथि गृह भी है।
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संतोषजनक जवाब नहीं दे सके उन्होंने बताया कि ‘जनता कर्फ्यू के दौरान सभी 129 लोग शहर के अलग-अलग क्षेत्र में घूम रहे थे। पुलिस ने जब इनके बाहर निकलने का कारण पूछा तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। भांगरे के अनुसार अस्थायी जेल पहुंचने वाले लोगों को ज्यादातर तीन घंटे बाद रिहा कर दिया जा रहा है। इससे पहले उनसे मुचलका भी भरवाया जाता है। उन्हें कोविड-19 के नियमों के पालन के लिए सख्त हिदायत दी जाती है। यह भी पढ़ें
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15 कर्मियों की तैनाती की गई उन्होंने बताया कि अस्थायी जेल में 15 कर्मियों की तैनाती की गई है। कैदियों पर निगाह रखने को लेकर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। जेल में एक बार में 300 लोगों रखने की व्यवस्था की गई है। गौरतलब है कि इंदौर कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है। यहां पर महामारी को रोकने के लिए प्रशासन ने 30 अप्रैल तक ‘जनता कर्फ्यू’ लागू किया है। इस दौरान लोगों को हिदायत दी जा रही है कि वे बेहद जरूरी काम के लिए ही बाहर निकलें। रिपोर्ट के अनुसार करीब 35 लाख की आबादी वाले इस जिले में 24 मार्च 2020 से अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 94,549 मरीज पाए गए हैं। इनमें से 1,069 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।