प्रैक्टिकल एग्जाम के लिए 15 दिसंबर के बाद से दोबारा खुल सकते हैं केंद्रीय विद्यालय

Schools reopen : 10वीं एवं 12वीं सीबीएसई बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा के लिए केंद्रीय विद्यालय स्टूडेंट्स को बुलाने की कर रहा तैयारी
महामारी के दौरान किसी तरह की दिक्कत न हो इसलिए स्टूडेंट्स के बनाए जाएंगे छोटे ग्रुप

<p>Schools reopen</p>
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते इस बार बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है। काफी दिनों तक स्कूलों के बंद रहने से शैक्षणिक गतिविधियों पर असर पड़ा है। हालांकि स्थिति सामान्य होता देख कई जिलों में स्कूलों को दोबारा खोलने की अनुमति दी गई थी। मगर अभिभावकों के मन में महामारी के डर को देखते हुए स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति न के बराबर है। चूंकि जनवरी माह से 10 और 12वीं कक्षा के सीबीएसई बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षाएं होनी हैं। ऐसे में स्कूलों को 15 दिसंबर के बाद से दोबारा खोलने पर विचार किया जा रहा है। इस कड़ी में सबसे पहले केंद्रीय विद्यालय स्टूडेंट्स को बुलाने की तैयारी में है।
कक्षा 10 और 12 के छात्रों को प्रैक्टिकल परीक्षाओं के दौरान किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए केंद्रीय विद्यालयों की ओर से रूपरेखा तैयार की जा रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्टूडेंट्स को छोटे—छोटे ग्रुप में बांट दिया जाएगा। उन्हें क्रमवार स्कूल बुलाया जाएगा। इससे बच्चे और स्टाफ दोनों सुरक्षित रहेंगे। मालूम हो कि कुछ दिनों पहले सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षाओं के बारे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा था कि सीबीएसई प्रायोगिक परीक्षाएं स्कूल स्तर पर आयोजित की जाती हैं। यदि छात्र प्रैक्टिकल सत्र लेने में सक्षम नहीं होते हैं, तो सरकार इस पर विचार करेगी”।
सितंबर में भी स्कूल खोलने का था प्लान
बताया जाता है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इससे पहले 21 सितंबर से स्कूलों को दोबारा खोलने की योजना बनाई थी, लेकिन अभिभावकों की सहमति न मिल पाने से इसे टाल दिया गया था। चूंकि सीबीएसई बोर्ड की लिखित परीक्षा से पहले प्रैक्टिकल एग्जाम लेना जरूरी है। इसलिए स्कूलों को खोले जाने एवं छात्रों को बुलाए जाने पर विचार किया जा रहा है। मालूम हो कि देश में करीब 1,250 केंद्रीय विद्यालय और 650 नवोदय विद्यालय हैं, जिनमें करीब 15 लाख छात्र पढ़ते हैं।
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