जम्मू-कश्मीर: चुनाव आयोग के बाद मुख्य सचिव का बयान, किसी भी हाल में नहीं टाले जाएंगे पंचायत चुनाव

पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनाव का बहिष्कार करने के बाद ये खबरें आने लगी थीं कि राज्य में पंचायत चुनाव को टाला जा सकता है।

<p>Jammu Kashmir Election </p>

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव को लेकर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि चुनाव आयोग ने मंगलवार को कह दिया था कि राज्य में चुनाव अपने तय समय के मुताबिक ही होंगे। चुनाव आयोग के बाद बुधवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमन्यम ने भी बयान जारी कहा है कि पंचायत चुनाव को किसी भी सूरत में नहीं टाला जाएगा, चुनाव अपने तय समय के मुताबिक ही होंगे। आपको बता दें कि पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनावों का बहिष्कार करने का ऐलान करने के बाद ऐसी खबरें आई थीं कि पंचायत चुनाव को टाला जा सकता है। खबरों के मुताबिक, पंचायत चुनाव को जनवरी में कराए जाने की चर्चाएं थीं, लेकिन मुख्य सचिव ने ऐसी सभी खबरों को खारिज कर दिया है।

जम्मू-कश्मीर में किसी भी हाल में नहीं टलेंगे चुनाव- मुख्य सचिव

बीवीआर सुब्रमन्यम ने चुनावों को स्थगित करने के बारे में चल रही खबरों को खारिज करते हुए कहा है कि चुनाव की तारीख में कोई बदलाव नहीं किया गया है और ना ही किया जाएगा। राज्य में चुनाव अपने समय पर ही होंगे। आपको बता दें कि पिछले दिनों नेशनन कॉन्फ्रेंस की तरफ से फारुक अब्दुल्ला और पीडीपी की तरफ से महबूबा मुफ्ती ने पंचायत चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया था, जिसके बाद ये माना जाने लगा था कि चुनाव की तारीखों को टाला जा सकता है। राज्य की दो सबसे बड़ी पार्टियों के चुनाव का बहिष्कार के ऐलान के बाद इस तरह की खबरें आने लगीं थीं। आपको बता दें कि राज्य में शहरी स्‍थानीय निकाय चुनाव अक्टूबर के पहले हफ्ते में तो वहीं पंचायत चुनाव दिसंबर में होने हैं।

पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने क्यों किया चुनाव का बहिष्कार

बता दें कि महबूबा मुफ्ती और फारुक अब्दुल्ला ने आर्टिकल 35ए का हवाला देते हुए पंचायत और शहरी निकाय चुनावों का बहिष्कार किया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 35ए को बचाने के लिए हम किसी भी सीमा तक जाएंगे। राज्‍य के लोगों ने काफी बलिदान दिया है और कोई भी धारा 35ए की वैधता के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता है। वहीं, फारूख अब्दुल्ला ने भी कहा था कि केंद्र सरकार ने अगर आर्टिकल 35ए और आर्टिकल 370 पर अपना रुख साफ नहीं किया तो वो पंचायत चुनावों के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनावों का भी बहिष्कार करेंगे।

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