Jammu-Kashmir : गृह मंत्रालय की रिपोर्ट से बड़ा खुलासा, सीमा पर आतंकवादी घुसपैठ में भारी कमी

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पिछले चार साल के दौरान घुसपैठ में आई कमी।
केंद्र की जीरो टॉलरेंस की नीति प्रभावी।

<p>आतंकी सेना और बीएसएफ की कार्रवाई से डरते हैं आतंकी।</p>
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति का असर सीमावर्ती क्षेत्रों में दिखाई देने लगी है। आतंकवाद पर गृह मंत्रालय की एक ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकी घुसपैठ में गिरावट आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सेना और बीएसएफ की कड़ी निगरानी के चलते घुसपैठ में कमी आई है।
सेना की कार्रवाई से आतंकियों में खौफ का माहौल

गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले चार सालों में घुसपैठ में कमी आई है। साल 2020 में 99 बार, 2019 में 216 बार, 2018 में सीमा पर 323 बार और 2017 में 406 बार घुसपैठ की कोशिश हुई थी। बताया गया है कि सेना और बीएसएफ की कार्रवाई से आतंकियों में खौफ का माहौल है।
2021 में 8 बार घुसपैठ की कोशिश

इसके बावजूद खुफिया एजेंसियां इस बात की आशंका जता चुकी हैं कि कश्मीर के साथ-साथ जम्मू में आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है। साल 2021 में अभी तक जम्मू कश्मीर में 8 अल बदर और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर चुके हैं।
इसी तरह ब्यूरो ऑफ होम रिसर्च ने तीन जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्रालय को जानकारी दी थी कि देश में 161 पुलिस जिले आतंकवाद या उग्रवाद से प्रभावित हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिले झारखंड में 22 हैं। बिहार में 17, असम और मणिपुर में 16, ओडिशा और जम्मू—कश्मीर में 15—15, छत्तीसगढ़ में 14, नागालैंड में 11, तेलंगाना में 8, आंध्र प्रदेश 6, केरल और पश्चिम बंगाल में पांच-पांच, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में तीन-तीन और मध्य प्रदेश में दो शामिल हैं।
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