निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज के इलाज की सीमा पर सुप्रीम कोर्ट ने किया केंद्र से जवाब तलब चूंकि यह अभी बीमा का एक मसौदा है इसलिए इसमें कुछ मामूली बदलाव हो सकते हैं। इरडा ने जनरल और लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वे यह उत्पाद ( Insurance ) 15 जून या उससे पहले अनिवार्य रूप से पेश करें।
सूत्रों के मुताबिक मौजूदा स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां फिलहाल कोरोना के इलाज को कवर करती हैं। इरडा के नए दिशा-निर्देश और दैनिक सीमाएं कोरोना के इस विशेष उत्पाद तक सीमित रहेंगे, जिसे अगले 10 दिनों में जारी किया जाएगा। इरडा का कदम ऐसे समय में आया है जब देश भर में कुल मामलों की संख्या 2 लाख से ऊपर जा चुकी है और इनमें से 1 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं।
सूत्रों ने बताया कि इरडा ने COVID-19 मरीजों के इलाज के लिए अस्थायी अस्पतालों को शामिल किया है, जो मौजूदा स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में शामिल नहीं है। एक निजी बीमा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक बेशक इरडा का बीमा ग्राहकों के सामने एक सस्ता विकल्प लाया है। हालांकि यह इसकी संभावना नहीं है कि यह सस्ता होगा क्योंकि इलाज की रेखा तय नहीं है। कोई नहीं जानता कि दावा कैसे पूरा किया जाएगा। यह एक जोखिम है और हां, हम जोखिम लेंगे।
COVID-19 मरीजों पर भारी पड़ रहा इलाज का खर्च, अस्पतालों का बिल सुनकर माथा पकड़ लेंगे आप जानकारी के मुताबिक इस पॉलिसी का कार्यकाल एक वर्ष का होगा और यह न्यूनतम 18 और अधिकतम 65 वर्ष आयु के लिए फैमिली फ्लोटर के आधार पर दिया जा सकता है। हालांकि इसे आजीवन रिन्यू करवाया जा सकेगा। इसकी न्यूनतम बीमा राशि 50,000 और अधिकतम 5 लाख रुपये होगी।
अस्पताल में भर्ती के खर्च में बीमा राशि के 2 प्रतिशत तक कमरे का दैनिक शुल्क, रुकना, नर्सिंग खर्च शामिल होना चाहिए, जिसका अधिकतम सीमा 5,000 रुपये है। इसमें सर्जन, एनेस्थेटिस्ट, चिकित्सक, सलाहकार, विशेषज्ञ शुल्क भी शामिल होना चाहिए।