चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ( Air Chief Marshal RKS Bhadoria ) ने कहा कि आने वाले वक्त में आईएएफ के ट्रांसफॉर्मेशन के लिए विजन 2030 की रूपरेखा सामने रखी गई है। इसके साथ ही भदौरिया ने तमाम कमांड और वायु मुख्यालयों की सभी शाखाओं से संबंधित मामलों और स्थिति की समीक्षा की।
वायुसेना प्रमुख ने जल्द क्षमता निर्माण, सभी ठिकानों की सेवाक्षमता में बढ़ोतरी के साथ ही न्यूनतम वक्त में में नई टेक्नोलॉजी के प्रभावी एकीकरण की दिशा में डेडिकेटेड कामों पर बल दिया। इस दौरान ज्वाइंट और इंटीग्रेटेड वार को लेकर भी चर्चा कर ताकत और चुनौतियों को बताया गया। संयुक्त और एकीकृत रूप से लड़ाई के विषय पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, नौ सेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Defence Minister Rajnath Singh ) ने बुधवार को दिल्ली में वायुसेना कमांडरों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए आईएएफ के सक्रिय कदम की सराहना करते हुए कहा कि आईएएफ ने बालाकोट में जिस पेशेवर तरीके से एयर स्ट्राइक की थी और पूर्वी लद्दाख में मौजूदा हालात के जवाब में अग्रिम ठिकानों पर आईएएफ ने तैनाती की, उससे देश के दुश्मनों को एक कड़ा संदेश गया है।
सिंह ने कहा कि पूरे देश की रक्षा का संकल्प उस विश्वास पर टिका है, जो देश के लोग अपने सशस्त्र बलों की क्षमता पर करते हैं। उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों को हटाने के लिए जारी प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने ये भी कोरोना वायरस महामारी के प्रति राष्ट्र की प्रतिक्रिया में योगदान और कई मानवीय सहायता और आपदा राहत मिशनों के दौरान निभाई गई भूमिका के लिए आईएएफ की सराहना की।
राजनाथ ने ये भी कहा कि देश ने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल की। इस वर्ष एयर फोर्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के लिए चुना गया थीम ‘आईएएफ इन नेक्स्ट डिकेड’ आने वाले दिनों में स्वदेशीकरण की दिशा में प्रयासों को बढ़ाने के बहुत अनुरूप है।