0.4 फीसद की बढ़ोत्तरी देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम बताई जा रही है, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था में जून तिमाही के दौरान रिकॉर्ड 23.9 फीसदी की गिरावट हुई थी, जबकि दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी की गिरावट हुई थी। लेकिन दिसंबर में खत्म होने वाली तीसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से बाहर निकल गई है।
जानकारों की माने तो कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन की वजह से पहली और दूसरी तिमाही की विकास दर में गिरावट हुई थी। लेकिन लॉकडाउन हटते ही विकास दर में बढ़ोत्तरी हो गई। तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 0.4 फीसदी बढ़त के साथ भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिसने 2020 के आखिरी में पॉजिटिव ग्रोथ रेट दोबारा हासिल कर कर लिया था।
क्या है जीडीपी?
ये तो पता चल गया तीसरी तिमाही की जीडीपी 0.4 फीसद बढ़ी है।अब ये जान लेते हैं कि जीडीपी है क्या? दरअसल, जीडीपी का फुल फार्म है ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी सकल घरेलू उत्पाद। इसे किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं की कुल वैल्यू को कहते हैं।
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जीडीपी से आर्थिक गतिविधियों के स्तर का पता लगाया जाता है। इसकी मदद से यह पता चलता है कि किन सेक्टरों की वजह से इसमें तेजी या गिरावट आई है। आसान भाषा में समझे तो जीडीपीदेश के आर्थिक विकास और ग्रोथ का पता चलता है।
अगर जीडीपी आंकड़े गिरते हैं तो इसका मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था खराब हो रही है।वहीं जीडीपी आंकड़े बढ़ते पर देश की विकास दर बढ़ रही होती है।