Utility: यूजड कार को खरीदते समय कैसे पता करें, कहीं कार चोरी की तो नहीं?

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जानकारी के अभाव में कभी-कभी ऐसी कारें कस्टमर को धोखा दे जाती हैं।
VIN के जारिए हम जान सकते हैं कार का पूरा इतिहास

<p>पुरानी कार खरीदने से पहले सतर्कता बरतें।</p>
नई दिल्ली। बाजार में सेकेंड हैंड कार की डिमांड काफी अधिक है। लोग अक्सर पुरानी गाड़ियों को चुनना पसंद करते क्योंकि ये नई कार के मुकाबले काफी सस्ती मिल जाती हैं। मगर जानकारी के अभाव में कभी-कभी ये कारें कस्टमर को धोखा दे जाती हैं। इन कारों में ऐसी भी कारे होती हैं जो चोरी हुई होतीं हैं। इन्हें पहचानना उपभोक्ता के लिए कठिन हो जाता है। आज हम आपकों आसान तरीके से ऐसी कारों से सावधानी बरतने का उपाय बताते हैं।
17 कैरेक्टर का VIN

अगर आप बाज़ार में पुरानी कार खरीदने गए हैं, तब यह देखें कहीं कार चोरी की तो नहीं है, इसके लिए VIN (Vehicle identification number) चेक करिए। ये एक 17 कैरेक्टर होते हैं। जो गाड़ी की उम्र को दर्शाते हैं। इन कैरेक्टर को देखकर आप ये पता लगा सकते हैं कि कोई कार कितनी पुरानी है।
सर्विस हिस्टरी को ध्यान से पता लगाएं

आपको अपनी इन्श्युरेंस कंपनी को भी कॉल करना चाहिए और व्हीकल के टाइटल और सर्विस हिस्टरी को ध्यान से पता करना चाहिए। आप चोरी की कार खरीद रहे हैं, इस संबंध में अनेक रेड फ्लैग्स हैं, जिनके बारे में आपको पता रहना चाहिए।
VIN के साथ कोई छेड़छाड़ तो नहीं

VIN लेबल को व्हीकल पर बिना किसी छेड़छाड़ के लगा होना चाहिए और उसका कोई भी कोना उखड़ा हुआ नहीं होना चाहिए। इसके अलावा देखिये कि उसमें कोई स्क्रैच, फाड़ने के निशान, या निकालने के निशान न हों।
VIN को छिपाने की कोशिश

इसके साथ VIN लेबल को छूकर देखिए। छूने पर अगर आपकों लगे कि उसमें खुरदुरापन है या स्क्रैच हो, तब इसका मतलब है कि उसके साथ छेड़छाड़ की गई है। VIN लेबल को किसी स्क्रू या प्लग से छुपा नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा है तो इसका मतलब है कि मालिक शायद VIN को छिपाने की कोशिश में लगा हुआ है।
इन जगहों हो सकता है नंबर

VIN में 17 कैरेक्टर्स होते हैं तथा वह कार के सोशल सिक्यूरिटी नंबर की तरह होता है। विक्रेता आपको जो भी VIN नंबर दे, उसे मान मत लीजिए। व्हीकल का आप बारीक निरीक्षण कीजिये और VIN पता लगाइए। आपको VIN कोड कार की इन जगहों पर मिल जाएगा।
– स्टीयरिंग व्हील में सामने की ओर डैशबोर्ड पर ये लगा हो सकता है। डैशबोर्ड के निचले और बाएं कोने पर भी हो सकता है।
– ड्राइवर की ओर वाले डोरजैम्ब में अंदर की ओर
– पिछले व्हील वेल में पहिये के ठीक ऊपर
– कार फ्रेम में सामने की ओर
– इंजन ब्लॉक के सामने की ओर
– स्पेयर टायर के नीचे
VIN की जांच के लिए वेबसाइट को सर्च करिए

VIN को आनलाइन चेक भी किया जा सकता है। www.myvehicledetails.com/ पर जाकर कारों के VIN नंबर को डालकर पूरी जानकारी ली जा सकती है। इसके साथ zipnet.in पर जाकर स्टोलन व्हीकल की कैटेगरी में जाएं। यहां पर उन सभी व्हीकल्स का VIN एकत्रित करके रखा जाता है जिनकी चोरी होने की सूचना मिली होती है।
फ्रॉड होने पर रिपोर्ट करिए

अगर व्हीकल चोरी की है तब पुलिस को कॉल करिए। इसकी रिपोर्ट करिए। आप अपनी स्थानीय पुलिस को भी कॉल कर सकते हैं। विक्रेता के बारे में जितनी हो सके, उतनी जानकारी शेयर करिए। इस तरह से आप VIN के जरिए गलत कार खरीदने से बच सकते हैं। कार ये नंबर हमें कार की पूरी हिस्ट्री बता सकते हैं। इस लिए कार खरीदते समय इस नंबर का खास ख्याल रखें।
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