आयात पर रोक भारत की डिफेंस कैंटीन शराब, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य सामानों को सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को कम कीमतों पर बेचती है। 2 बिलियन डॉलर से अधिक की वार्षिक बिक्री के साथ ये भारत में सबसे बड़ी रिटेल चेन है। अक्टूबर 19 को रायटर्स द्वारा समीक्षा की गई रक्षा मंत्रालय के आंतरिक आदेश में कहा गया है कि भविष्य में प्रत्यक्ष आयातित वस्तुओं की खरीद नहीं की जाएगी। आदेश में कहा गया है कि इस मुद्दे पर मई और जुलाई में सेना, वायु सेना और नौसेना के साथ चर्चा की गई थी और इसका उद्देश्य घरेलू सामानों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान का समर्थन करना था। हालांकि, इस पूरे मामले पर रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
डिफेंस कैंटिन को लेकर सरकार का बड़ा फैसला आईडीएसए के अनुसार रक्षा दुकानों में कुल बिक्री मूल्य का लगभग 6-7 प्रतिशत आयात होता है। चीनी उत्पाद जैसे डायपर, वैक्यूम क्लीनर, हैंडबैग और लैपटॉप इसके थोक खाते हैं। रॉयटर्स ने जून में बताया कि पेरनोड और डियाजियो ने ऐसे सरकारी स्टोरों से अपने आयातित ब्रांडों के लिए ऑर्डर लेना बंद कर दिया था। रक्षा दुकानों पर आयातित शराब की बिक्री वार्षिक बिक्री में 17 मिलियन डॉलर उत्पन्न करती है। सरकार के इस फैसले से निगेटिव संकेत जाएगा। गौरतलब है कि भारत ने हाल के महीनों में सीमा संघर्ष के बाद चीनी व्यवसायों और निवेशों पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाए हैं, जिसमें 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई।