फिर दिल्ली चलो: कोरोना के बीच 20,000 किसानों का दिल्ली की ओर कूच

1650 गांवों के 20,000 किसान पंजाब के तीन बॉर्डरों को पार कर दिल्ली पहुंचे की तैयारी में है।पुरुष अभी खेतों में काम को लेकर बिजी है इसलिए 60 प्रतिशत महिलाएं ही आंदोलन में हिस्सा ले रही है।

<p>Farmer Protest</p>

नई दिल्ली। देशभर में महामारी कोरोना का दूसरा संक्रमण काल चल रहा है। राजधानी दिल्ली में कोरोना का कोहराम जारी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण पर रोक लगाने के लिए कई जरूरी कदम उठा रहे हैं। वहीं कोरोना के कहर के बीच करीब 20,000 किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे है। राज्य सरकारों की ओर से लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के बीच बुधवार को पंजाब से हजारों किसान टिकरी बॉर्डर के लिए बढ़ रहे है। बताया जा रहा है कि ये सभी किसान भारतीय किसान यूनियन (उग्रहन) हैं। संगठन के नेताओं का कहना है कि 1650 गांवों के 20,000 किसान पंजाब के तीन बॉर्डरों को पार कर दिल्ली पहुंचे की तैयारी में है।

यह भी पढ़ें

गुड न्यूज! वैक्सीन के कच्चे माल पर रोक हटा सकता है अमेरिका, कहा- समझते हैं भारत की जरूरत

बसों, वैन, ट्रैक्टरों में भरकर पहुंचेंगे टिकरी बॉर्डर
किसान भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) एकता-उग्रहन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलन का कहना है कि पुरुष अभी खेतों में काम को लेकर बिजी है इसलिए 60 प्रतिशत महिलाएं ही आंदोलन में हिस्सा ले रही है। पुरुषों की अनुस्थित में महिलाओं को यह जिम्मेदारी उठाने के लिए आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि ये सभी बठिंडा-डाबवली, खनौरी-जींद और सर्दुलगढ़-फतेहाबाद बॉर्डरों से बसों, वैन और ट्रैक्टरों के जरिए टिकरी बॉर्डर पहुंचेंगे। अपनी मांगों को मनवाने के लिए आखिरी सांस तक लेंगें। एक रिपोर्ट के अनुसार, खनौरी-जींद सीमा से चलने वाले जत्थे की अगुवाई खुद संगठन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्रहन और महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलन करने जा रहे है।

यह भी पढ़ें

कट्टरपंथियों के आगे घुटनों पर आए इमरान, फ्रांस के राजूदत को निष्कासित करने के लिए NA में आएगा प्रस्ताव

आंदोलन को कमजोर करने की साजिश
किसान संघों ने आरोप लगाया कि आंदोलन खत्म करने के लिए सरकार कोरोना वायरस संक्रमण का इस्तेमाल कर रही है। संयुक्त किसान कहना है कि प्रस्तावित संसद मार्च की तारीख अभी तय नहीं की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों के विरोध को खत्म करने के लिए कोरोना का बहाना बनाया जा रहा है। मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कोरोनो वायरस पर सरकार का पाखंड उजागर हो गया है। मंत्री और नेता चुनावी रैलियां कर रहे हैं। ऐसे में दूसरों पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है।

चुप बैठकर खुद का मजाक बनवा रही है सरकार
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने 15 अप्रैल को प्रधानमंत्री को किसानों के हित में लिखे पत्र को नरेश टिकैत ने सराहया है। टिकैत ने कहा कि ईश्वर करे इस पत्र का सकारात्मक नतीजा निकले। अगर सरकार की कोई मजबूरी है तो हमें भी बताए। हो सकता है समस्या का समाधान हमारे पास मिल जाए। इसके साथ ही उन्होंने कि चुप बैठ कर सरकार अपना मजाक बनवा रही है। दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान काफी लंबे समय अपना घर छोड़कर सड़क पर प्रदर्शन कर रहे है। कोरोना के कहर को देते हुए हुए किसान नेताओं से अपील की जा रही है कि मौजूदा हालात को देखते हुए अपने आंदोलन की रूपरेखा में बदलाव करे।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.