दिल्ली-एनसीआर की सर्दी में प्रदूषण का स्तर पिछले साल से ज्यादा मिला: सीएसई

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23 दिन ऐसे थे जब शहर में पीएम 2.5 कणों की मात्रा गंभीर स्तर पर थी।
2020-21 की सर्दियों में प्रदूषण का औसत स्तर बीते वर्ष से अधिक था।

<p>प्रतीकात्मक तस्वीर</p>
नई दिल्ली। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट’ (सीएसई) ने बुधवार को कहा कि दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में 2020-21 की सर्दियों में प्रदूषण का औसत स्तर बीते वर्ष से अधिक था। मगर ‘स्मॉग’ की अवधि और तीव्रता कम थी।
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सीएसई के अनुसार ‘ग्रेडेड रिपॉन्स एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) के क्रियान्वयन को लेकर इस क्षेत्र में 15 अक्टूबर से एक फरवरी तक के कालखंड को आधिकारिक तौर पर सर्दी का मौसम माना जाता है।
विश्लेषण में कहा गया कि इस बार सर्दियों के मौसम में 23 दिन ऐसे थे जब शहर में पीएम 2.5 कणों की मात्रा ‘गंभीर’ या ‘खराब’ एक्यूआई श्रेणी में दर्ज की गई। यही मात्रा, 2018-19 के दौरान 33 दिनों में और 2019-20 के बीच 25 दिनों में आंकी गई थी।
विश्लेषण में कहा गया कि दिल्ली के आसपास के चार शहरों में से गाजियाबाद सबसे ज्यादा प्रदूषित (polluted) रहा। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में उत्तरी दिल्ली सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र दर्ज किया गया जहां स्थित जहांगीरपुरी की हवा में प्रदूषण सबसे ज्यादा था।
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