बिहारः ढाई साल के बच्चे की कोरोना संक्रमण से मौत, एक ही परिवार के चार बच्चों ने दम तोड़ा

आठ से 15 वर्ष के तीन सगे भाई बहनों ने दम तोड़ दिया। इनमें निमोनिया के लक्षण मिले थे। डॉक्टरों ने बताया कि इलाज के दौरान हार्ट फेल होने से उनकी मौत हो गई।

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नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर के संकेत मिलने लगे हैं। बिहार के दरभंगा मेडिकल कॉलेज में भर्ती चार बच्चों की मौत के बाद यहां हड़कंप मच गया है। मरने वालों में एक ढाई साल का बच्चा कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके अलावा आठ से 15 वर्ष के तीन और सगे भाई बहनों ने भी सोमवार को दम तोड़ दिया। इनमें निमोनिया जैसे लक्षण मिले थे। दोनों परिवार मधुबनी के रहने वाले हैं।

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नर्सिंग होम में इलाज चल रहा था

शिशु वार्ड में कोरोना पॉजिटिव पाए गए ढाई महीने के बच्चे को रविवार सुबह छह बजे भर्ती कराया गया था। इससे पहले उसका इलाज दरभंगा के आरबी मेमोरिल में हो रहा था। मामला गंभीर होने के कारण उसे एक प्राइवेट नर्सिंग होम में इलाज के लिए लाया गया। जब बच्चे की कोरोना जांच कराई गई तो वह पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद परिजन दूसरे अस्पताल ले गए जहां शाम 4:30 बजे उसकी जान चली गई।

तीन बच्चों को शिशु वार्ड में भर्ती कराया

अस्पताल ने बच्चे की मौत कोरोना से होने की पुष्टि की है। उसकी डेड बॉडी को कोविड प्रोटोकॉल के तहत एंबुलेंस से मधुबनी भेज दिया गया है। वहीं दूसरा मामला इटहरवा गांव का है। यहां के निवासी रामपुनीत यादव व उनकी पत्नी आशा देवी के एक बच्चे की मौत 15 दिन पहले घर पर हो गई। इसके बाद बाकी तीन बच्चे चंदन (14 वर्ष), पूजा (12 वर्ष) व आरती (8 वर्ष) बीमार गए। सभी को 28 मई की शाम शिशु वार्ड में भर्ती करवाया।

29 मई की शाम को चंदन की मौत हो गई। उसका दाह संस्कार कोरोना गाइडलाइन के तहत किया गया। दाह संस्कार कर वे लोग लौटे ही थे कि रात को बेटी पूजा की मौत हो गई। इसके बाद 30 मई को दो बजे के करीब बेटी आरती की भी मौत हो गई। सभी बुखार, सांस फूलने, हाथ में सूजन से परेशान थे।

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निमोनिया के कारण हुई मौत

तीन बच्चों की मौत शिशु वार्ड में बीते 24 घंटे में निमोनिया के कारण हुई थी। इनकी कोरोना जांच करवाई गई, जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आई। डाक्टरों का कहना है कि उन्हें देरी से अस्पताल में पहुंचाया गया। सभी के खून की कमी आई गई थी। सभी निमोनिया से पीड़ित पाए गए। डॉक्टरों ने बताया कि इलाज के दौरान हार्ट फेल होने से उनकी मौत हो गई।

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