दानिश सिद्दीकी का शव तालिबान ने रेडक्रॉस को सौंपा, जाएगा लाया जाएगा भारत

तालिबान की ओर से रेडक्रॉस समिति को शव सौंपे जाने की सूचना भारत को दे दी गई है और भारतीय अधिकारी पत्रकार के शव को वापस लाने के लिए काम कर रहे हैं

नई दिल्ली। अफगानिस्तान ( Afghanistan ) के कंधार ( Kandhar ) में पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी ( Danish Siddiqui ) की हत्या के बाद से ही दिल्ली के जामिया इलाके में स्थित उनके घर में मातम पसरा हुआ है।
अब उनका शव तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस समिति ( ICRC ) को सौंप दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक तालिबान की ओर से रेडक्रॉस समिति को शव सौंपे जाने की सूचना भारत को दे दी गई है और भारतीय अधिकारी पत्रकार के शव को वापस लाने के लिए काम कर रहे हैं। वहीं दानिश के पिता का बुरा हाल है, उनका कहना है कि अभी दो दिन पहले ही तो दानिश से बात हुई थी। वो खुश था और अपने असाइनमेंट के बारे में बता रहा था।
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दानिश सिद्दीकी कंधार में उस वक्त मारे गए जब वह तालिबान और अफगान सुरक्षाबलों के बीच चल रही लड़ाई को कवर कर रहे थे।
दानिश के निधन के बाद तालिबान ने शव आईसीआरसी को सौंप दिया है। अफगान अधिकारियों और आईसीआरसी के साथ मिलकर शव को भारत लाने की तैयारी की जा रही है।

दानिश के परिजनों को भी उनके शव के भारत आने का इंतजार है। परिवार के लोगों को उम्मीद है कि भारत सरकार उनका शव लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
बता दें कि समाचार एजेंसी रॉयटर्स से जुड़े फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी पुलित्जर पुरस्कार विजेता थे। इससे पहले 13 जुलाई को भी भी दानिश पर हमला हुआ था, जिसमें वह बाल-बाल बचे थे।

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दानिश के परिवार के मुताबिक उनकी पत्नी और दो बच्चे इस वक्त जर्मनी में हैं। सिद्दीकी के दुनिया से रुख्सत होना उनके परिवार, मीडिया की दुनिया समेत जामिया मिल्लिया इस्लामिया के लिए बड़ा सदमा है।
दरअसल जामिया के एजेके मास कम्यूनिकेशन रिसर्च सेंटर की डायरेक्टर शोहिनी घोष ने बताया कि, दानिश हमेशा हमारे फटॉग्राफी डिपार्टमेंट के टच में थे। पिछले महीने ही उन्होंने एक क्लास भी ली थी। दानिश सिर्फ अपनी प्रोफेशनल कामयाबियों की वजह से हमारे लिए खास नहीं थे, बल्कि वह एक शानदार इंसान थे।
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