दरअसल तूफान के चलते मुंबई के आस-पास तटीय पालघर ( Palghar ) और रायगढ़ ( Raigarh ) जिलों में स्थित रासायनिक ( Chemical ) और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों ( Atomic Power Plant ) की सुरक्षा के लिए पर्याप्त एहतियात बरती जा रही है। ऐसे में बिपिन रावत की बैठक में परमाणु संयंत्रों ( Nuclear Plant ) की सुरक्षा अहम मुद्दा हो सकता है। इसके साथ मुंबई में बाढ़ के खतरे को देखते हुए भी सेना की तैयारियों और उनकी रणनीति पर चर्चा संभव है।
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मुंबई ( Mumbai ) पर मंडरा रहे पहले चक्रवाती तूफान के खतरे के बीच सेना भी अलर्ट हो गई है। जनरल बिपिन रावत ने निसर्ग के खतरे को देखते हुए तीनों सेना अध्यक्षों के साथ अहम बैठक का फैसला लिया है। दरअसल महाराष्ट्र मंगलवार देर शाम से भारी बारिश भी शुरू हो गई। इस तूफान से पालघर और रायगढ़ स्थित केमिकल और परमाणु संयत्र पर भी खतरा उत्पन्न हो गया है।
इनकी सुरक्षा के लिए सावधानियां बरती जा रही हैं। आपको बता दें कि पालघर में देश का सबसे पुराना तारापुर एटॉमिक पॉवर प्लांट है। हवा की रफ्तार 100-120 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। पूरे रायगढ़, मुंबई, ठाणे, पालघर में भारी से भारी वर्षा की संभावना है। ऐसे में इन संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर भी बिपिन रावत अहम चर्चा कर सकते हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र पहले ही कोरोना वायरस के बड़े संकट से जूझ रहा है। ऐसे में तूफान के चलते बिजली आपूर्ति के बाधित होने या फिर जल जमाव जैसी स्थितियों से निपटने में सेना की भूमिका को लेकर जनरल बिपिन रावत अहम चर्चा कर सकते हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से वीडियो कॉन्फ्रेंसे के जरिए बात की और किसी भी स्थिति से निपटने में राज्य की तैयारियों का जायजा लिया।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ( NDRF ) की दस इकाइयों को संवेदनशील जिलों में तैनात गया है, जबकि छह अन्य को तैयार रहने को कहा गया है।