Coronavirus: लॉकडाउन में अवैध रूप से यूपी-बिहार पहुंचाने के लिए ट्रक वालों ने प्रवासियों से वसूले 10 हजार तक

दिल्ली पुलिस ने आवश्यक सामान की सप्लाई में लगे कई ट्रक जब्त किए।
ट्रकों में सामान के पीछे अवैध रूप से प्रवासियों को छिपाए हुए थे चालक।
कई मामले सामने आने के बाद पुलिस सख्त, हर ट्रक की तलाशी शुरू की।

<p>ट्रक में सवार होकर जा रहे 70 श्रमिक पुलिस हिरासत में</p>
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में बीते 24 मार्च से 21 दिनों का टोटल लॉकडाउन घोषित किया जा चुका है। इसके बाद राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर से भारी तादाद में प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश-बिहार के लिए पलायन करते दिखे। इन सबके बीच एक बड़ी खबर यह सामने आई है कि यूपी-बिहार जाने की कोशिश में जुटे लोग जरूरी सामान की सप्लाई में लगे ट्रकों के लिए सोने के अंडे देने वाली मुर्गी बन गए और ट्रक ड्राइवरों ने अवैध रूप से प्रति व्यक्ति 2500 से लेकर 10,000 रुपये तक की वसूली की।
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पुलिस के मुताबिक यूपी-बिहार में अपने घरों तक जाने के लिए परेशान प्रवासी मजदूरों को तमाम ट्रक ड्राइवर अवैध रूप से अपने माल के बीच छिपाकर ले गए। इन लोगों को ले जाने के बदले इन ट्रक ड्राइवरों ने उनसे 2500 से लेकर 10 हजार रुपये तक प्रति सवारी शुल्क भी लिया।
दरअसल टोटल लॉकडाउन के दौरान सरकार ने सभी वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी है। हालांकि केवल जरूरी और रोजमर्रा की जरूरतों के सामान ले जाने वाले ट्रकों को ही इस दौरान आने-जाने की छूट मिली हुई है। ट्रक ड्राइवर इसका ही फायदा उठाकर पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को गाड़ी में छिपाकर अवैध रूप से ले जा रहे हैं।
वहीं, इस दौरान हजारों की तादाद में लोग सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों को पैदल जाते भी दिखे। इनमें जवान ही नहीं महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और दिव्यांग भी शामिल थे। इस दौरान ही कई लोगों ने रोड पर जाते ट्रकों से उन्हें ले चलने की फरियाद की और ट्रक वालों ने उनसे अवैध वसूली की।

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इन्हीं में से कुछ ट्रक ड्राइवरों को दिल्ली पुलिस ने भी धरा। पुलिस पूछताछ में ट्रक ड्राइवरों ने बताया कि उन्होंने इन लोगों से वादा किया था कि उन्हें एक-दो दिन में उनके मूल स्थान पहुंचा दिया जाएगा।
यह जानकारी सामने आने के बाद पुलिस सतर्क हो चुकी है। पुलिस ने दावा किया है कि अब वो आवश्यक सामानों की आवाजाही में लगे सभी ट्रकों की बड़े पैमाने पर जांच कर रहे हैं।
पलायन
दिल्ली पुलिस द्वारका के डीसीपी एंटो अल्फोंस ने बताया, “हमने बहुत से ऐसे ट्रक पकड़े जो बिहार और उत्तर प्रदेश में प्रवासियों को ले जा रहे थे। ऐसे ही एक मामले में दो ट्रकों को सोमवार को पुरुषों-महिलाओं समेत 72 लोगों को ले जाते हुए पकड़ा गया। सभी प्रवासियों सेे रुपये देने के लिए कहा गया था। उनसे प्रति व्यक्ति 5000-10000 रुपये वसूले जजा रहे थे।”
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उन्होंने आगे कहा, “पिछले कुछ दिनों में दिल्ली के नजफगढ़ इलाके से ऐसे पांच ट्रकों को जब्त किया गया है।”
डीसीपी पश्चिम समीर शर्मा के मुताबिक पश्चिम दिल्ली के एक अन्य मामले में पुलिस को पता चला कि ट्रकों में ले जाने के लिए प्रति सवारी 2500 से 3000 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया था। पुलिस ने द्वारका जिले और पश्चिमी दिल्ली से कई ट्रकों को रोका, लेकिन यह केवल इन क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है।

अमित कुमार बाजपेयी

पत्रकारिता में एक दशक से ज्यादा का अनुभव. ऑनलाइन और ऑफलाइन कारोबार, गैज़ेट वर्ल्ड, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, एजुकेशन पर पैनी नज़र रखते हैं. ग्रेटर नोएडा में हुई फार्मूला वन रेसिंग को लगातार दो साल कवर किया. एक्सपो मार्ट की शुरुआत से लेकर वहां होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों-संगोष्ठियों की रिपोर्टिंग.

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