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Coronavirus: जिनके लिए बजी ताली और थाली, उन्हीं डॉक्टरों के साथ अब बदसलूकी

Coronavirus के बीच जिन डॉक्टरों के लिए बजी थी ताली
अब उन्हीं डॉक्टरों का पुलिस ने किया अपमान
गंदा और संक्रमित कह कर किराए पर घर भी नहीं दे रहे मकान मालिक

नई दिल्लीMar 25, 2020 / 02:47 pm

धीरज शर्मा

कोरोनावायरस के बीच डॉक्टरों की बुरा हाल

नई दिल्ली। देशभर में कोरोनावयारस का असर तेजी से बढ़ रहा है। यही वजह है कि देशभर में 21 दिन के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया है। लेकन इस बीच चौंकाने वाली एक खबर सामने आई है। कुछ दिन पहले ही लोगों ने अपनी बालकनी और छतों पर खड़े होकर जिन कोरोना वारियरर्स के लिए देशभर ने तालियां और थालियां बजाईं अब उन्हीं के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है।
धरती पर भगवान का दूसरा रूप माने जाने वाले डॉक्टर दिन-रात अस्पतालों में कोरोना से जूझ रहे लोगों को बचाने में जुटे हुए हैं। लेकिन बदले में इन डॉक्टरों को मिल रहे तमाचे और बदसलकूकी। जी हां तेलंगाना में पुलिस की ओर से कुछ डॉक्टरों के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में चिकित्सकों को पुलिस की ओर से अपमान और हमले का सामने करना पड़ रहा है।
तेलंगाना के खम्मम जिले से एक चौंकाने वाली घटना में, ममता मेडिकल कॉलेज के एक पीजी डॉक्टर, हेमा बिंदू, को मंगलवार को लॉकप अवधि के दौरान बाहर निकलने के लिए चेकपोस्ट पर कथित तौर पर पुलिस की ओर से हमला किया गया था। डॉक्टर को सोमवार को 8.30 बजे आपातकाल में भाग लेने के लिए बुलाया गया था।
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डॉ . हिमाबिंदु ने बताया कि एक पुलिसकर्मी ने मेरे साथ मारपीट की। बाल पकड़कर मुझे घसीटा। मेरा आईडी और फोन जब्त कर लिया। मैंने समझाया था कि मैं एक डॉक्टर हूं और मैं अपना काम करने जा रही हूं। लेकिन खम्मम पुलिसकर्मी गणेश ने मुझे बाल पकड़कर घसीटा। वहां कोई महिला पुलिस अधिकारी नहीं थीं।’
उन्होंने आगे बताया कि मैंने दूसरे डॉक्टरों की मदद से सुबह पुलिस स्टेशन में शिकायत दी। पुलिस अधिकारी ने लिखित माफीनामा दिया है।

हिमाबिंदु के मुताबिक पुलिस और डॉक्टर दोनों ही पब्लिक सर्वेंट हैं और दोनों ही अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। ये वक्त आपस में झगड़ने का नहीं बल्कि मिलकर इस वायरस को भगाने का है। ऐसे में पुलिस की ओर से इस तरह का बर्ताव निंदनीय है।
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इसके अलावा उसी जिले के एक अन्य डॉक्टर ने कहा कि वो पिछले 15 दिनों से कोरोनो वायरस वार्ड में 24 घंटे सेवा दे रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि उसी पुलिस वाले ने उन्हें एक चैकपॉइंट पर रोका था। डॉक्टर ने कहा कि जब मैंने उन्हें अस्पताल में इमरजेंसी के बारे में बताया कि मैं वहां जा रहा हूं, तो उन्होंने अस्वाभाविक भाषा का उपयोग करते हुए अपमानजनक तरीके से जवाब दिया और थप्पड़ मारने को आ गए।
हम एक डॉक्टर के रूप में इस निंदा करते हैं और तत्काल माफी की मांग करते हैं।

डॉक्टरों से सामने ये भी बड़ी चुनौती
खम्मम से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वारंगल, में चल रहे महात्मा गांधी मेमोरियल (MGM) अस्पताल के करीब 200 हाउस सर्जनों को अब हॉस्टल परिसर खाली करने के लिए कहा गया है।
कागजों पर इन डॉक्टरों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है लेकिन इसके अमल में आना मुश्किल ही लग रहा है। ऐसे में डॉक्टरों को आवास संबंधी परेशानी ने और बड़ी चुनौती दे दी है।
ऐसे में कई डॉक्टरों ने किराए के मकान तलाशने शुरू कर दिए हैं लेकिन मकान मालिक उन्हें एक आतंकी और संक्रमित लोग समझकर घर किराए पर नहीं दे रहे हैं। इस समस्या ने लोगों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है।
डॉक्टरों की मानें तो जिला कलेक्टर से हमारे छात्रावास के कमरों को अलगाव वार्ड में बदलने के आदेश दिए गए हैं। इसलिए, हमें तुरंत परिसर खाली करना होगा और जब हम किराए के स्थानों के लिए घर के मालिकों से संपर्क कर रहे हैं, तो वे कहते हैं कि ‘आप लोग डॉक्टर हैं, आप हमारे घर में रहने पर हमें संक्रमित करेंगे।
डॉक्टरों ने सवाल किया है कि कहां गए वो ताली और थाली बजाने वाले जो लोग हमें अब गंदा या फिर संक्रमित करने वाला कह कर किराए पर घर नहीं दे रहे हैं।

करीब 6 डॉक्टरों ने मिलकर कलेक्टर से इसकी शिकायत भी की है। हालांकि उन्होंने जल्द इस मामले को सुलझ जाने का दावा किया है।
दिल्ली में होगी कार्रवाई
दिल्ली सरकार ने आदेश जारी कर रोजाना के स्तर पर इस समस्या को सुनने, सुलझाने और पूरी रिपोर्ट बनाकर भेजने के लिए कलेक्टर्स को कहा है। दरअसल दक्षिण राज्यों की तरह ही राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भी डॉक्टरों को इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में केजरीवाल सरकार ने कलेक्टर को साफ निर्देश दिए हैं कि इस तरह की मामलों की तुरंत सुनवाई करते हुए इन्हें सुलझाएं और इसकी रिपोर्ट बनाकर भेजें।

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