दोपहर 12:00 बजे दिल्ली लखनऊ हाईवे एनएच 24 पर बिना रोक-टोक तमाम वाहन इधर से उधर आते जाते रहे। इसमें ई-रिक्शा ऑटो के साथ-साथ कुछ प्राइवेट ट्रांसपोर्ट के साधन भी शामिल थे। दोपहर 1:30 बजे
दिल्ली से सटी यूपी गेट की सीमा पर दावा किया जा रहा था कि भारी पुलिस बल तैनात है लेकिन यहां गाजीपुर सब्जी मंडी के पास पुलिस बैरिकेड तो लगा था, पुलिस वाले भी मौजूद थे लेकिन वह काफी बड़ी संख्या में लोगों को दिल्ली की ओर जाने दे रहे थे। ऐसे ही अक्षरधाम सेतु के पास भी काफी बड़ी संख्या में आम लोग सड़कों पर अपने वाहन के साथ घूमते नजर आए।
दोपहर 2:30 बजेः स्थान सराय काले खां अंतर्राज्यीय बस अड्डा यहां बड़ी संख्या में यात्री जो निजी बसों या काफी कम संख्या में चल रही बसों से दूसरे राज्यों से चलकर दिल्ली पहुंचे थे, वह सड़कों पर खड़े दिखे। इन विवश यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाते तमाम ऑटो-कैब और टैक्सी वाले दिख गए। हैरानी की बात यह थी कि वहां दिल्ली पुलिस की पीसीआर मौजूद थी। इसके बावजूद ऑटो वाले चार की जगह 6-7 यात्रियों को घसीट-घसीट कर अपने ऑटो में बैठा रहे थे और लोगों से मुंह मांगी कीमत वसूल रहे थे।
कोरोना वायरस के खौफ में भगवान के भक्त, जामा मस्जिद के नमाजी मस्त दिल्ली पुलिस के कुछ सिपाही वहां मौजूद थे। वह देख कर भी पूरे मामले को अनदेखा कर रहे थे। इस संकट काल में भी इस तरह की लापरवाही तमाम मेडिकल एक्सपर्ट्स के द्वारा दी गई चेतावनी के बावजूद निश्चिततौर पर काल को दावत देने जैसी है। आम लोगों की और ऑटो कैब चालकों की इन्हीं हरकतों की वजह से प्रधानमंत्री ने राज्यों को लॉक डाउन कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है ताकि लोग समझ सके कि चंद सिक्कों से बढ़कर इंसानी जिंदगी है।