Lockdown: गलत ट्रेन में बैठ पटना की जगह जयपुर पहुंची बहन को लेने 953 किमी दूर बाइक पर आया भाई

Coronavirus Emotional Story: दिलों में दहशत…सड़कों पर सन्नाटा…और घरों में दुबके लोग…। कोरोना ( Coronavirus ) का खौफ जहन में इस कदर बैठा है कि अब रिश्तेदार भी रिश्तों से मुंह मोड़ रहे है। ऐसा ही मामला राजस्थान के जयपुर से सामने आया है। जहां एक महिला अपने 4 साल के बेटे के साथ गलत ट्रेन में चढ़ने के कारण पटना की जगह जयपुर पहुंच गई। महिला जयपुर स्टेशन पर बैठ कर रोने लगी। ऐसे में फिर उसका भाई करीब 1 हजार किलोमीटर दूर से बाइक लेकर उसे लेने रवाना हुआ।

नई दिल्ली।
coronavirus Emotional Story: दिलों में दहशत…सड़कों पर सन्नाटा…और घरों में दुबके लोग…। ऐसे में अगर कोई इंसान मुसीबत में फंस जाए तो कौन मदद करें। देश में इन दिनों कुछ इसी तरह का माहौल बना हुआ है। कोरोना ( Coronavirus ) का खौफ जहन में इस कदर बैठा है कि अब रिश्तेदार भी रिश्तों से मुंह मोड़ रहे है। ऐसा ही मामला राजस्थान के जयपुर से सामने आया है। जहां एक महिला अपने 4 साल के बेटे के साथ गलत ट्रेन में चढ़ने के कारण पटना की जगह जयपुर पहुंच गई। राजस्थान में अपने जान-पहचान के रिश्तेदारों से मदद मांगी, लेकिन कोरोना के खौफ के चलते किसी ने मदद नहीं की। महिला जयपुर स्टेशन पर बैठ कर रोने लगी। ऐसे में फिर उसका भाई करीब 1 हजार किलोमीटर दूर से बाइक लेकर उसे लेने रवाना हुआ।

रेलवे ( Railway ) ने दी पनाह
दरअसल, पटना निवासी अस्मिता अपनी चार साल की बेटी के साथ पीहर नागपुर गई थी। उसे रविवार को शाम को वापस आना था। उसने बागमति एक्सप्रेस में नागपुर से पटना का स्लीपर श्रेणी में टिकट बुक कराया लिया। लेकिन, नागपुर स्टेशन ( Nagpur Station ) पर उसने गलती से मैसूर-जयपुर एक्सप्रेस पकड़ ली। वह ट्रेन में सो गई। सुबह आंख खुली तो ट्रेन जयपुर स्टेशन ( Jaipur Station ) पर खड़ी थी। यहां वह स्टेशन पर उतरकर बैठ गई। इसी दौरान ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ हैड कानिस्टेबल ममता और अशोक कुमार उसके पास आए और पूछताछ की। जब उसको पता चला कि वह गलत ट्रेन में बैठ गई थी। इस पर स्टेशन सुपरिंटेंडेंट डीएल तनेजा,आरपीएफ इंस्पेक्टर राजकुमार ने उसे पनाह दी। उसे रेस्ट रूम में ठहराकर खाना खिलाया।

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रिश्तेदारों ने बनाया बहाना
जयपुर स्टेशन पर अस्मिता ने राजस्थान में रहने वाले रिश्तेदारों को फोन पर मदद मांगी। लेकिन, कोरोना ( Coronavirus in India ) के चलते सभी ने बहाने बना लिए और घर में आने से मना कर दिया। वह स्टेशन पर बैठकर रोने लगी। इसके बाद रेलवे पुलिस अधिकारियों ने उसकी मदद की।

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फोन कर भाई को बुलाया
जब रिश्तेदारों ने मना कर दिया तो अस्मिता ने नागपुर में भाई रितेश को फोन कर इसकी सूचना दी। जिसके बाद रितेश नागपुर से बाइक पर जयपुर के लिए रवाना हो गया। बता दें कि जयपुर से नागपुर करीब 953 किमी दूर है

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