केंद्र ने दी जानकारी- बिहार का कोई भी शहर रहने लायक शहरों की टॉप-10 सूची में शामिल नहीं

Highlights. – रहने लायक 111 शहरों की सूची में दस लाख से अधिक आबादी और दस लाख से कम आबादी वाले शहरों की रैंकिंग शामिल की गई – दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में बेंगलुरु शीर्ष पर है, जबकि इस सूची में दूसरे नंबर पर पुणे और तीसरे नंबर पर अहमदाबाद है- दस लाख से कम आबादी वाले शहरों की सूची सूची की बात करें तो शिमला शीर्ष पर है, दूसरे पर ओडिशा और तीसरे नंबर पर सिलवासा है
 

नई दिल्ली।
केंरदीय शहरी विकास मंत्रालय ने रहने लायक शहरों की सूची जारी की है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस सूची में टॉप-10 में बिहार के किसी भी शहर का नाम नहीं है। आपको बता दें कि रहने लायक 111 शहरों की सूची में दस लाख से अधिक आबादी वाले शहर और दस लाख से कम आबादी वाले शहरों की रैंकिंग में शामिल किया गया है। दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में बेंगलुरु शीर्ष पर है। वहीं, इस सूची में दूसरे नंबर पर पुणे और तीसरे नंबर पर अहमदाबाद है। सूची में चौथे नंबर पर चेन्नई और पांचवे नंबर पर सूरत है। वहीं, ग्रेटर मुंबई इस सूची में दसवें नंबर पर है।
वहीं, बिहार की राजधानी पटना को इस सूची में 33वें स्थान पर रखा गया है। यह बिहार का पहला शहर है, जो इस सूची में स्थान हासिल किया है।

शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी दस लाख से कम आबादी वाले शहरों की सूची सूची की बात करें तो शिमला शीर्ष पर है। इसमें दूसरे नंबर पर ओडिशा और तीसरे नंबर पर सिलवासा, जबकि चौथे नंबर पर भीलवाड़ा है। इस सूची में तिरुवनंतपुरम दसवें नंबर पर है। इस सूची में बिहार का भागलपुर 30वें स्थान पर है, जबकि मुजफ्फरपुर को 66वां स्थान हासिल है।
पिछले साल के रहने लायक शहरों की इस सूची में अगर नगर निगमों के क्रियाकलापों पर गौर करें तो पटना नगर निगम की स्थिति में सुधार हुआ है और इसकी रैंकिंग 16वीं आई है। वहीं पिछले साल नगर निगम की ओर से कार्यों के मुताबिक इस साल रैंकिंग में सुधार आया है। हालांकि, टॉप-10 में इस सूची क्रम में भी बिहार का कोई शहर नहीं आ सका है। बता दें कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जो सूची जारी हुई है, उसमें 15 पैमाने हैं। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, तकनीक और परिवहन आदि प्रमुख हैं।
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